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भारत-चीन के बीच LAC पर कब तक चलेगा विवाद? एस. जयशंकर बोले- नहीं करूंगा भविष्‍यवाणी

हमें फॉलो करें भारत-चीन के बीच LAC पर कब तक चलेगा विवाद? एस. जयशंकर बोले- नहीं करूंगा भविष्‍यवाणी
, शनिवार, 12 दिसंबर 2020 (20:34 IST)
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ 7 महीने लंबे सीमा गतिरोध में भारत की परीक्षा ली जा रही थी। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि देश राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौती पर खरा उतरेगा।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुए ‘घटनाक्रमों’ को ‘बेहद परेशान’ करने वाला करार देते हुए जयशंकर ने कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ वह चीन के हित में नहीं है क्योंकि वह भारत में साख गंवाने की आशंका का सामना कर रहा है जिसे हाल के दशकों में बड़ी सूझबूझ से विकसित किया गया था।
 
उन्होंने कहा कि इन घटनाक्रमों ने कुछ बहुत ‘बुनियादी चिंताएं’ पैदा कर दी है क्योंकि ‘अन्य पक्ष’ ने एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) का सम्मान करने के समझौतों का पालन नहीं किया है।
 
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की वार्षिक बैठक के एक सत्र में यह पूछे जाने पर कि क्या चीन-भारत सीमा पर गतिरोध लंबा चलेगा या इसमें कोई सफलता मिलने की उम्मीद है, जयशंकर ने कहा कि मैं किसी तरह का पूर्वानुमान व्यक्त नहीं करूंगा कि क्या यह करना आसान होगा या नहीं अथवा समय सीमा क्या होगी?
 
जयशंकर ने कहा कि इस वर्ष के घटनाक्रम बहुत परेशान करने वाले है। मुझे लगता है कि असली खतरा साख गंवाने को लेकर है, जिसे बड़ी सूझबूझ और सावधानी से विकसित किया गया था।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन मैं यह भी कहूंगा कि, हां, हमारी परीक्षा ली जा रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौती पर खरे उतरेंगे।
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच मई से ही सीमा पर गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
 
जयशंकर ने कहा कि मेरा यह भी मानना है कि जो कुछ हुआ है, वह वास्तव में चीन के हित में नहीं है। क्योंकि जो कुछ भी हुआ उसने जन भावना (भारत में) को काफी प्रभावित किया है।
 
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने संबंध विकसित करने के लिए काफी काम किया था। उन्होंने कहा, कि इस वर्ष के घटनाक्रम बहुत परेशान करने वाले हैं, उन्होंने कुछ बहुत बुनियादी चिंताएं पैदा की हैं क्योंकि दूसरे पक्ष ने उन समझौतों का पालन नहीं किया है जो एलएसी का सम्मान करने और एलएसी पर सैन्य बलों को नहीं लाने के बारे में हैं।
 
अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार सौदे के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि व्यापार के मुद्दों को हल करने को लेकर सरकार और ट्रंप प्रशासन के बीच काफी गंभीर बातचीत हुई थी।
 
उन्होंने कहा कि व्यापार के मुद्दों को हल करने को लेकर सरकार और ट्रंप प्रशासन के बीच काफी गंभीर बातचीत हुई थी। दोनों पक्षों की यह राय थी कि आगे बढ़ने से पहले मतभेदों को दूर करें। देश मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित सौदे को लेकर काफी चर्चाएं हुई हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे निश्चित रूप से उम्मीद है कि एक बार (बाइडन) प्रशासन के आने पर हम गंभीर चर्चा करेंगे। मुझे पता है कि हमारे मंत्री इस पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और यह कुछ ऐसा है जो उनके एजेंडे पर बहुत महत्वपूर्ण है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बारे में पूछे जाने पर, जयशंकर ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के बीच संबंधों का विस्तार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध अब ‘अलग स्तर’ पर है और सुरक्षा और रक्षा में सहयोग इसके प्रमुख पहलू बने रहेंगे। (भाषा)

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