नई दिल्ली। भारत ने आज गुरुवार को औपचारिक रूप से इंडोनेशिया से जी20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की जी20 अध्यक्षता को संरक्षण, सद्भाव और उम्मीद की अध्यक्षता बनाने के लिए एकजुट होने और मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के एक नए प्रतिमान को स्वरुप देने के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने आज औपचारिक रूप से इंडोनेशिया से जी20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान उसकी प्राथमिकताओं के बारे में लेख लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के विषय से प्रेरित होकर एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा और आतंक, जलवायु परिवर्तन, महामारी को सबसे बड़ी चुनौतियों के तौर पर सूचीबद्ध करेगा जिनका एकसाथ मिलकर बेहतर तरीके से मुकाबला किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जी-20 प्राथमिकताओं को न केवल हमारे जी-20 भागीदारों, बल्कि दुनिया के दक्षिणी हिस्से के हमारे साथी देशों के परामर्श से आकार दिया जाएगा जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी कर दी जाती है। भारत का जी-20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक होगा।
उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि अभी और आगे बढ़ने तथा समग्र रूप से मानवता को लाभान्वित करने के लिए एक मौलिक मानसिकता के बदलाव को उत्प्रेरित करने का सबसे अच्छा समय है। 'किसी का फायदा, किसी का नुकसान' (जीरो-सम) वाली पुरानी मानसिकता में फंसे रहने का समय चला गया है जिसके कारण आभाव और संघर्ष दोनों देखने को मिले थे।
उन्होंने कहा कि यह हमारी आध्यात्मिक परंपराओं से प्रेरित होने का समय है, जो एकता की वकालत करती हैं और वैश्विक चुनौतियों को हल करने के लिए मिलकर काम करती हैं।
भारतीय कूटनीति के लिहाज से मील का पत्थर मानी जा रही जी-20 की अध्यक्षता पर अपने विचार साझा करते हुए लेख में उन्होंने लिखा कि भारत का जी20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक होगा। आइए हम भारत की जी20 अध्यक्षता को संरक्षण, सद्भाव और उम्मीद की अध्यक्षता बनाने के लिए एकजुट हों। आइए हम मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के एक नए प्रतिमान को स्वरुप देने के लिए साथ मिलकर काम करें।
वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 'जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट : इंगेजिंग यंग माइंड्स' विषय पर अपने संबोधन में कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत 'खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, समतामूलक स्वास्थ्य समाधान' सहित तात्कालिक महत्व के उन विषयों पर समूह के सदस्य देशों का समर्थन जुटाएगा जिसका सामना कोविड के बाद दुनिया को करना पड़ रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की बड़ी चुनौतियों का समाधान 'एक दूसरे से लड़ाई' करके नहीं बल्कि मिलकर काम करके ही निकाला जा सकता है। ऐसे में जी-20 समूह में भारत का एजेंडा 'समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्योन्मुखी और निर्णायक' होगा।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जी20 समूह की भारत की अध्यक्षता ग्रहण करने के पहले दिन कई गतिविधियां हुईं। इस दिन 'जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट : इंगेजिंग यंग माइंड्स' विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिससे डिजिटल माध्यम से देश के 75 विश्वविद्यालय जुड़े।
उन्होंने कहा कि जी20 समूह की भारत की अध्यक्षता के दौरान देश के 50 से अधिक स्थानों पर 200 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस जी-20 की भारत की अध्यक्षता की प्रक्रिया में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें और हर एक नागरिक हितधारक है।
इस अवसर पर देशभर में फैले यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल समेत केंद्र सरकार संरक्षित 100 स्मारक स्थल सप्ताहभर के लिए रोशनी से जगमग रहेंगे और इन पर इस प्रभावशाली समूह के लोगो को उकेरा गया है जिसकी शुरुआत हो गई है। गुरुवार की शाम नगालैंड में 23वें हॉर्नबिल महोत्सव का उद्घाटन किया जा रहा है जिसमें जी20 मुख्य रूप से केंद्रित होगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta