टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टोक्यो के इंपीरियल होटल में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और जापान नेचुरल पार्टनर हैं। करीब 7 दशकों से दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध हैं। मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि मैं मक्खन पर नहीं पत्थर पर लकीर खींचता हूं।
मोदी ने कहा कि भारत की विकास यात्रा में जापान की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। हिन्दुस्तान में हर कोई अनुभव करता है कि भारत और जापान नेचुरल पार्टनर हैं। मोदी-मोदी के नारों के बीच पीएम ने कहा कि भारतीयों के संस्कार समावेशक हैं। भारत के प्रति आपकी श्रद्धा कम नहीं हुई है। आपका स्नेह बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय कभी भी अपनी जड़ों से दूर नहीं होते।
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर को उद्धृत करते हुए मोदी ने कहा कि जापान प्राचीन भी है और आधुनिक भी है। जापान कमल के फूल की तरह, जो जितनी मजबूती से अपनी जड़ों से जुड़ा होता है, उतनी ही भव्यता ऊपर भी दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि जापान से हमारा रिश्ता अध्यात्म है, आत्मीयता का है, अपनत्व का है, जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध का है, ज्ञान का है। भारत और जापान का रिश्ता विश्व के लिए साझे संकल्प का है।
उन्होंने कहा कि मैं काशी का सांसद हूं। मैं बड़े गर्व से कहना चाहूंगा जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे जब काशी आए थे तो उन्होंने बढ़िया सौगात काशी को दी थी। जापान के सहयोग से ही काशी रुद्राक्ष बना था। उन्होंने कहा कि भारतीय चुनौतियों से घबराते नहीं। वे चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं। भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प में जुटा है। कोरोना काल में हमने 100 से ज्यादा देशों में वैक्सीन भेजी थी। भारत की ताकत को अब वैश्विक पहचान मिली है।
बुद्ध के मार्ग पर चलने की जरूरत : प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद या जलवायु परिवर्तन हो... इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है।
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा समस्या का समाधान निकाला है, चाहे समस्या कितनी बड़ी क्यों न रही हो। उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय अनिश्चितता का महौल था लेकिन उस समय भी भारत ने 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन्स अपने करोड़ों नागरिकों को भी लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने एक मजबूत और लचीले एवं जिम्मेदार लोकतंत्र की पहचान बनाई है और उसे बीते 8 साल में हमने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है। मोदी ने कहा कि भारत में आज सही मायने में लोकोन्मुखी प्रशासन काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का यही मॉडल, परिणाम को प्रभावी बना रहा है। यही लोकतंत्र पर निरंतर मज़बूत होते विश्वास का सबसे बड़ा कारण है।
जापान का युवा एक बार भारत की यात्रा करे : उन्होंने कहा कि आज का भारत अपने अतीत को लेकर जितना गौरवान्वित है, उतना ही प्रौद्यागिकी नीत, विज्ञान नीत, नवाचार नीत और प्रतिभा आधारित भविष्य को लेकर भी आशावान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान से प्रभावित होकर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि हर भारतीय नौजवान को अपने जीवन में कम से कम एक बार जापान की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी जी की इस सद्भावना को आगे बढ़ाते हुए, मैं चाहूंगा कि जापान का हर युवा अपने जीवन में कम से कम एक बार भारत की यात्रा करे।