Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

पूर्वी लद्दाख विवाद : भारत और चीन ने की कूटनीतिक वार्ता, टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटाने पर हुई चर्चा

हमें फॉलो करें पूर्वी लद्दाख विवाद : भारत और चीन ने की कूटनीतिक वार्ता, टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटाने पर हुई चर्चा
, बुधवार, 22 फ़रवरी 2023 (22:54 IST)
बीजिंग/ नई दिल्ली। भारत और चीन ने बुधवार को बीजिंग में कूटनीतिक वार्ता की और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्तावों पर ‘खुले एवं रचनात्मक’ तरीके से चर्चा की, लेकिन इसमें कोई समाधान निकलने का संकेत नहीं है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने बीजिंग में भारत-चीन सीमा विषय पर विचार-विमर्श एवं समन्वय के कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने वर्तमान समझौते और प्रोटोकॉल के तहत इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए जल्द ही किसी तिथि पर 18वें चरण की वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने भी अपनी ओर से एक बयान जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने चीन-भारत सीमा मुद्दे पर शुरूआती चरण में हुई सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की, गलवान घाटी और चार अन्य स्थानों पर दोनों देशों के सैनिकों को पीछे हटाने के नतीजों का समर्थन किया।

बयान में कहा गया है कि उन्होंने अगले चरण के परामर्श के लिए रुख पर विचारों का स्पष्ट रूप से और गहराई से आदान-प्रदान किया। सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए वार्ता और समन्वय को लेकर वर्ष 2012 में डब्ल्यूएमसीसी का गठन किया गया था।

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति की समीक्षा की तथा (टकराव वाले) शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्तावों पर खुले और रचनात्मक तरीके से चर्चा की, ताकि इस सेक्टर में एलएसी पर शांति एवं स्थिरता बहाल की जा सके और द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए माहौल बनाया जा सके।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक माध्यमों से चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। मंत्रालय ने कहा, डब्ल्यूएमसीसी की 26वीं बैठक बीजिंग में 22 फरवरी 2023 को आमने-सामने बैठकर हुई। जुलाई 2019 में हुई 14वीं बैठक के बाद यह पहली डब्ल्यूएमसीसी बैठक थी, जो आमने-सामने हुई।

चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष सीमा पर स्थिति और भी स्थिर करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी अहम सहमति का सक्रियता से क्रियान्वयन करने के लिए सहमत हुए। बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने सीमा पर तनाव और घटाने पर चर्चा की और सीमा पर स्थिति को एक सामान्यीकृत प्रबंधन के चरण में ले जाने के लिए काम करने को सहमत हुए।

बैठक में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) शिलपक अंबुले ने किया। चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय में सीमा और समुद्री मामलों के विभाग के महानिदेशक होंग लियांग ने किया। अंबुले ने चीन की सहायक विदेश मंत्री हुआ चुनयिंग से भी मुलाकात की।

उल्लेखनीय है कि 17वें दौर की वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की बैठक 20 दिसंबर को हुई थी लेकिन शेष मुद्दों के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के संकेत नहीं मिले थे। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने खुले और रचनात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया, ताकि संबद्ध मुद्दों का समाधान निकाला जा सके।

डब्ल्यूएमसीसी की बीजिंग में बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक सप्ताह बाद ही दिल्ली में जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है। चीन के विदेश मंत्री किन गांग के 1-2 मार्च को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है।

पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई 2020 से ही पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता होने के बाद उन्होंने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों और गोगरा क्षेत्र से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाया है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या गर्मी का गेहूं की पैदावार पर पड़ेगा असर? जानिए क्या कहता है भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान