Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ITBP के 20 वीरों को मिला वीरता पदक, LAC पर पिछले वर्ष चीनी सैनिकों के दांत किए थे खट्टे

हमें फॉलो करें ITBP के 20 वीरों को मिला वीरता पदक, LAC पर पिछले वर्ष चीनी सैनिकों के दांत किए थे खट्टे
, शनिवार, 14 अगस्त 2021 (19:48 IST)
नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रक्षा में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 20 कर्मियों को पिछले साल पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध और संघर्ष के दौरान बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। वीरता के लिए ये पदक स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित कुल 1,380 सेवा पदकों में शामिल हैं।
 
नवीनतम पदक सूची में वीरता के लिए दो राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी), 628 वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी), विशिष्ट सेवा के लिए 88 राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 662 पुलिस पदक शामिल हैं।
 
जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) के सब इंस्पेक्टर अमर दीप और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दिवंगत हेड कांस्टेबल काले सुनील दत्तात्रेय (मरणोपरांत) को शीर्ष वीरता पदक - वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक दिए गए है।
 
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक सूची के अनुसार जेकेपी ने अधिकतम 257 (1 पीपीएमजी और 256 पीएमजी) वीरता पदक प्राप्त किए, इसके बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को 151 (1 पीपीएमजी और 150 पीएमजी) मिले हैं।
 
आईटीबीपी के लिए 23 वीरता पदकों में से 20 उन अभियानों के लिए हैं जो मई-जून 2020 के दौरान लद्दाख में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ हुए संघर्ष के दौरान हुए थे, जहां केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी की रक्षा के लिए सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर तैनात है।
 
बल ने एक बयान में कहा कि 20 में से 8 कर्मियों को 15 जून को गलवान नाला में मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके वीरतापूर्ण कार्य, सावधानीपूर्वक योजना और सामरिक अंतर्दृष्टि के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है।
 
बयान में कहा गया है कि 6 कर्मियों को फिंगर 4 क्षेत्र में 18 मई को हिंसक झड़प के दौरान वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है, जबकि बाकी छह कर्मियों को उसी दिन लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स के पास उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए इस पदक से सम्मानित किया गया है।
 
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने कहा ‍कि सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों की बहादुरी के लिए बल को दिए जाने वाले वीरता पदकों की यह सबसे बड़ी संख्या है।
 
बयान में कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में आईटीबीपी के जवानों ने न केवल खुद को बचाने के लिए ढाल का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया, बल्कि आगे बढ़ने वाले चीनी पीएलए सैनिकों को करारा जवाब दिया।
 
इसमें कहा गया कि पेशेवर कौशल के उच्चतम क्रम के साथ, आईटीबीपी जवानों ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और घायल (सेना) सैनिकों को भी उठाकर लाए।
 
बयान के अनुसार कि यहां तक ​​​​कि जब आईटीबीपी के जवानों की ओर से पूरी रात लड़ाई लड़ने के बावजूद नुकसान न्यूनतम हुआ और उन्होंने पथराव करने वाले पीएलए के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब भी दिया।
 
बयान में कहा गया है कि कुछ जगहों पर सैनिकों ने बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में 15-16 जून की दरमियानी रात के दौरान लगभग 17-20 घंटे के लिए ‘‘दृढ़-संकल्पित’’ मुकाबला किया।
 
बयान में कहा गया है, ‘‘बर्फीले हिमालयी क्षेत्र में तैनाती में बल के प्रशिक्षण और जीने के अनुभव के कारण, आईटीबीपी जवानों ने पीएलए सैनिकों को आगे नहीं बढ़ने दिया और कई मोर्चों पर आईटीबीपी जवानों की चौतरफा प्रतिक्रिया के कारण, कई क्षेत्रों की रक्षा में मदद मिली। आईटीबीपी के जवानों ने उच्चतम स्तर की निष्ठा, साहस, दृढ़ संकल्प, घायल स्थिति में भी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किये बिना पीएलए के साथ हिंसक संघर्ष का सामना करने में महान पेशेवर कौशल का प्रदर्शन किया।
 
इन झड़पों के दौरान भारतीय सेना के बीस जवान शहीद हो गए थे। चीन ने दावा किया था कि उसके पांच सैनिक हताहत हुए थे, लेकिन यह संख्या और अधिक होने की व्यापक संभावना जताई गई थी।
 
बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों में साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाने के लिए आईटीबीपी के तीन जवानों को पीएमजी से सम्मानित किया गया है। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

75वें स्वतंत्रता दिवस पर हर देशवासी इन 5 सामाजिक कुरीतियों से चाहिए 'आजादी'