चंडीगढ़। आयकर विभाग ने कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह का मार्गदर्शक समझे जाने वाले पपलप्रीत सिंह को नोटिस जारी कर उसके खाते में जमा कराई गई 4.48 लाख रुपये की धनराशि का स्रोत बताने को कहा है।
पपलप्रीत पंजाब पुलिस द्वारा 18 मार्च को अमृतपाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू किए जाने के दिन से ही फरार है। उसे आयकर अधिनियम की धारा-147 के तहत नोटिस जारी किया गया है, जिसमें प्रावधान है कि अगर निर्धारण अधिकारी के पास यह विश्वास करने की वजह है कि किसी भी आकलन वर्ष के लिए कुछ आय मूल्यांकन से छूट गई है, तो वह ऐसी आय का आकलन या पुनर्मूल्यांकन कर सकता है।
अधिकारियों के मुताबिक, पपलप्रीत के नाम पर जारी आयकर नोटिस हरियाणा के कुरुक्षेत्र में शाहाबाद स्थित बलजीत कौर के घर से मिला है। उन्होंने बताया कि पपलप्रीत और अमृतपाल ने पंजाब पुलिस से बचकर 19 और 20 मार्च को बलजीत के घर में ही शरण ली थी। अधिकारियों के अनुसार, दोनों ने वहां अपना भेष बदला और फिर पवित्र श्री साहिब छोड़कर भाग गए। उन्होंने कहा कि एक सच्चा सिख कभी भी अपनी कृपाण छोड़कर नहीं जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि पपलप्रीत और अमृतपाल ने महिला (बलजीत) से कहा था कि कोई उनका बैग लेने के लिए आएगा, लेकिन उनकी योजना सफल नहीं हो सकी, क्योंकि पंजाब पुलिस ने बलजीत के घर पर छापा मारकर बैग जब्त कर लिया।
अधिकारियों के मुताबिक, 14 मार्च को जारी आयकर नोटिस में पपलप्रीत से 20 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि पपलप्रीत ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है, क्योंकि वह 18 मार्च से अमृतपाल की पुलिस की नजरों से बचने में मदद कर रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, आयकर विभाग ने पपलप्रीत को सूचित किया कि उसके मूल्यांकन को उच्च जोखिम-सीआरआईयू (मामले से संबंधित सूचना, जो अपलोड की गई है) के रूप में चिह्नित किया गया है और उससे 4.48 लाख रुपए की बेहिसाब आय के बारे में बताने के लिए कहा।
आयकर विभाग के एक आंतरिक नोट में कहा गया है कि पपलप्रीत पेशे से एक पत्रकार है, जो अमृतसर के बाहर रहता है और पंजाब शील्ड नाम की वेबसाइट चलाता है। यह वेबसाइट एक खालिस्तानी दुष्प्रचार वेबसाइट मानी जाती है। पपलप्रीत ने आयकर विभाग को दिए अपनी आय के विवरण में कहा था कि वह यू-ट्यूब से हर महीने औसतन 8 से 20 हजार, जबकि डेयरी व्यवसाय से 15 हजार रुपए कमाता है।
आयकर विभाग ने 14 फरवरी को पपलप्रीत के विवरण को ठुकराते हुए उससे अपने दावे के समर्थन में क्रेडिट लेनदेन और दस्तावेज पेश करने के लिए कहा था। आयकर विभाग ने स्पष्ट किया था कि पपलप्रीत ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रिटर्न दाखिल नहीं किया, जिस दौरान उसके बैंक खाते में 4,48,868 रुपये की धनराशि जमा कराई गई थी और इसका विवरण दिए जाने की जरूरत है।
पपलप्रीत पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के करीबी संपर्क में होने और उसके इशारे पर काम करने का आरोप है। उसे अमृतपाल का मार्गदर्शक माना जाता है, जो विभिन्न मुद्दों पर उसे सलाह देता है। पपलप्रीत की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें उसे अमृतपाल के साथ मोटरसाइकिल पर सवार देखा गया था। बाद में यह मोटरसाइकिल जालंधर के फिल्लौर में छोड़ी हुई मिली थी।
अधिकारियों ने कहा कि पपलप्रीत आईएसआई के इशारे पर पंजाब में खालिस्तान आंदोलन को हवा देने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पपलप्रीत की ही सलाह पर अमृतपाल ने एक कट्टरपंथी से साधारण आदमी का भेष धारण किया और फिर मोटरसाइकिल फिल्लौर में लावारिस छोड़कर भाग गया।
अधिकारियों के अनुसार, पपलप्रीत चार आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है, जिसमें से एक कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और दूसरा अजनाला पुलिस थाने की घटना से संबंधित है। (भाषा)