नई दिल्ली। आयकर विभाग ने मंगलवार को स्रोत पर कर वसूली (TCS) प्रावधान के लागू होने को लेकर दिशानिर्देश जारी कर दिए। इसके तहत ई-वाणिज्य ऑपरेटर को 1 अक्ट्रबर से माल एवं सेवाओं की बिक्री पर 1 प्रतिशत की दर से कर लेना है।
वित्त अधिनियम 2020 में आयकर कानून 1961 में एक नई धारा 194-ओ जोड़ी गई है। इसके तहत ई-कॉमर्स ऑपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि 1 अक्ट्रबर 2020 से उसके डिजिटल अथवा इलेक्ट्रानिक सुविधा अथवा प्लेटफार्म के जरिए होने वाले माल अथवा सेवा अथवा दोनों के कुल मूल्य पर 1 प्रतिशत की दर से आयकर लेना होगा।
वित्त अधिनियम 2020 में आयकर कानून की धारा 206सी में एक उप-धारा (1एच) भी जोड़ी गई है। इसके तहत यदि बिक्री का मूल्य 50 लाख रुपए से अधिक है अथवा पिछले साल के दौरान सकल बिक्री मूल्य 50 लाख रुपए से अधिक था, उसमें विक्रेता को खरीदार से 0.1 प्रतिशत की दर से कर वसूलना होगा।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि उसे इस सबंध में ज्ञापन प्राप्त हुए थे कि कुछ एक्सचेंजों और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन के स्तर पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) के प्रावधानों को अमल में लाने में परेशानी हो रही थी। यह बताया गया कि कई बार इस तरह के सौदों में खरीदार और विक्रेता के बीच सीधे संपर्क नहीं होता है।
सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि टीसीएस का नया प्रावधान जो लागू किया गया है वह मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों में होने वाले जिंस अथवा प्रतिभूतियों के सौदों पर लागू नहीं होगा। यह प्रावधान बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाण पत्रों और ऊर्जा बचत प्रमाण पत्रों के लेनदेन पर भी लागू नहीं होगा। (भाषा)