नई दिल्ली। आयकर विभाग आधार संख्या का उपयोग कर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को स्वत: स्थाई खाता संख्या (पैन) जारी कर देगा। यह दोनों डाटाबेस को जोड़ने की नई व्यवस्था का हिस्सा है। यह नियम एक सितंबर से प्रभावी हो गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि कर विभाग पैन संख्या आवंटित करने के लिए ‘आधार’ से व्यक्ति की अन्य जनांकिक जानकारी जुटा लेगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की 30 अगस्त की अधिसूचना के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आधार का उपयोग कर रिटर्न दाखिल करता है और उसके पास पैन संख्या नहीं है तो यह मान लिया जाएगा कि उसने पैन जारी करने के लिए आवेदन कर दिया है। इसके बाद उसे कोई और दस्तावेज दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी।
यह नियम एक सितंबर से प्रभावी हो गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि कर विभाग पैन संख्या आवंटित करने के लिए ‘आधार’ से व्यक्ति की अन्य जनांकिक जानकारी जुटा लेगा। सीबीडीटी, आयकर विभाग के लिए नीति निर्धारण करने वाला शीर्ष निकाय है।
सीबीडीटी के चेयरमैन पीसी मोदी ने जुलाई में कहा था कि विभाग खुद से उस व्यक्ति को एक नई पैन संख्या आवंटित कर देगा जो रिटर्न दाखिल करते समय आधार का उपयोग करेगा। यह दोनों डाटाबेस को आपस में जोड़ने की नई व्यवस्था का हिस्सा है।