लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती मनाई जा रही है। गुजरात के सरदार सरोवर बांध के समीप पीएम नरेंद्र मोदी आज पटेल की 182 मीटर ऊंची 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा-
- अगर सरदार पटेल ने देश को एकसूत्र में नहीं पिरोया होता तो शेरों को देखने अथवा सोमनाथ में पूजा-अर्चना करने अथवा हैदराबाद के चार मीनार को देखने के लिए हमें वीजा की जरूरत होती।
- सरदार पटेल की प्रतिमा भारत के अस्तित्व पर सवाल करने वालों को याद दिलाती रहेगी कि यह देश था, है और हमेशा रहेगा।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देश की इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षमता का उदाहरण है।
- सरदार पटेल की प्रतिमा दुनिया को उस व्यक्ति के साहस की याद दिलाएगी जिसने भारत को विखंडित करने के प्रयासों को विफल किया।
- प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा आज हम सभी नर्मदा नदी के तट पर एकत्रित हुए हैं। हम आज के दिन एकता दिवस के रूप में मना रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में आज कई लोगोंने रन फॉर यूनिटी में हिस्सा लिया।
- सरदार पटेल की बदौलत तिनकों में बिखरा देश एक शक्ति बन पाया, अखंडता सरदार साहब का ही संकल्प था
- प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को समर्पित की सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 फुट ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए #LohaCampaign के दौरान किसानों से प्राप्त पहला लौह औजार हथौड़ा प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री को सौंपा गया
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ' वैली ऑफ फ्लॉवर' का किया उद्घाटन, 250 एकड़ में बने इस #ValleyOfFlowers में 100 से ज्यादा तरह के पौधे लगाए गए हैं, साथ ही यहां आने वाले लोगों के लिए खास तौर पर टेंट सिटी भी बनाई गई है।
- सरदार पटेल की इस प्रतिमा का निर्माण नोएडा के शिल्पकार पद्मभूषण राम वी सुतार ने किया है। सुतार ने अपने 40 साल के करियर में 50 से अधिक प्रतिमाओं को आकार दिया है।
- बताया जाता है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रतिमा में पटेल का चेहरा वैसा ही दिखे जैसे वे असल में दिखते थे सुतार ने उनकी 2000 से अधिक तस्वीरों का अध्ययन किया।
- सुतार ने उन इतिहासकारों से भी संपर्क किया जिन्होंने पटेल को देखा था। प्रतिमा के अनावरण से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवड़िया पहुंच चुके हैं। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।