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पश्चिम बंगाल में 'जय श्रीराम' के नारे पर सियासी संग्राम, ममता बोली- BJP के सामने झुकने की बजाय सिर काट लूंगी

हमें फॉलो करें पश्चिम बंगाल में 'जय श्रीराम' के नारे पर सियासी संग्राम, ममता बोली- BJP के सामने झुकने की बजाय सिर काट लूंगी
, सोमवार, 25 जनवरी 2021 (17:17 IST)
पुर्सुरा (पश्चिम बंगाल)। जय श्रीराम के नारे को लेकर पश्चिम बंगाल में घमासान जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भाजपा पर निशाना साधा और उस पर एक कार्यक्रम में 'जय श्रीराम' का नारा लगाकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस का अपमान करने का आरोप लगाया।

यह कार्यक्रम बोस की 125वीं जयंती के मौके पर आयोजित किया गया था। ममता ने भाजपा पर रबींद्रनाथ टैगोर, क्रांतिकारी संथाल नेता बिरसा मुंडा जैसे बंगाल के सभी सांस्कृतिक नायकों का अपमान करने का आरोप लगाया है। ममता बनर्जी ने सोमवार को हुगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर इस मुद्दे को लेकर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि 'मैं बीजेपी के सामने सिर झुकाने की बजाय अपना गला काटना चाहूंगी।
 
ममता ने कहा कि मैं उस कार्यक्रम में गई थी और कुछ उग्र, उन्मादी विद्रोहियों ने मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने चिढ़ाने की हिम्मत दिखाई। वे मुझे नहीं जानते हैं। अगर आप मुझे बंदूक दिखाएंगे तो मैं हथियारों का भंडार दिखाऊंगी, लेकिन मैं बंदूक की राजनीति में यकीन नहीं करती हूं।
 
भाजपा को 'बाहरी लोगों' का समूह और 'भारत जलाओ पार्टी' बताते हुए बनर्जी ने कहा कि भाजपा लगातार बंगाल की महान शख्सियतों का अपमान कर रही है और नेताजी भी ‘‘इस फहरिस्त में शामिल हो गए हैं।’
 
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने यहां एक रैली में कहा कि क्या आप किसी को अपने घर बुलाकर उसका अपमान करेंगे? क्या यह बंगाल या हमारे देश की संस्कृति है? अगर नेताजी के लिए नारे लगाए जाते तो मुझे कोई परेशानी नहीं होती।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मेरा उपहास उड़ाने के लिए उन्होंने नारे लगाए जिनका कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं था। देश के प्रधानमंत्री के सामने मेरा अपमान किया गया। यह उनकी (भाजपा) संस्कृति है।
 
सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर शनिवार को आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में 'जय श्रीराम' के नारे लगाए जाने के बाद बनर्जी ने कार्यक्रम को संबोधित नहीं किया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे।
 
दल बदलुओं को 'विश्वासघाती' बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले नेताओं को फिर कभी पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा।
 
बनर्जी ने कहा कि जो (पार्टी) छोड़कर गए हैं, उन्हें पता था कि उन्हें आगामी चुनाव में टिकट नहीं मिलने वाला है। यह अच्छा है कि वे चले गए अन्यथा हम उन्हें निकाल देते.... जो पार्टी छोड़ना चाहते हैं, उन्हें जल्द से जल्द पार्टी छोड़ देनी चाहिए। (इनपुट भाषा)

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