Mamata Banerjee offered to resign: पश्चिम बंगाल के लोगों से माफी मांगते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं सत्ता की भूखी नहीं हूं। मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैं प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को काम पर नहीं ला सकी, इसके लिए बंगाल की जनता से माफी मांगती हूं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमने जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए दो घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे बैठक स्थल पर नहीं आए। हमारे पास जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था थी, हम सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से इसे उनके साथ साझा कर सकते थे।
मैं डॉक्टरों को माफ कर दूंगी : ममता ने कहा कि लोगों की खातिर मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। मैं आरजी कर अस्पताल की डॉक्टर की हत्या के मामले में भी न्याय चाहती हूं। मैं आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करूंगी, उन्हें माफ कर दूंगी क्योंकि हम बड़े हैं। उन्होंने कहा कि मैं बंगाल के लोगों से माफी मांगती हूं, जिन्हें उम्मीद थी कि आज आरजी कर गतिरोध खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
उल्लेखनीय है कि जूनियर डॉक्टरों के काम बंद करने से 27 लोगों की मौत हुई। इससे 7 लाख मरीज परेशान हुए हैं। इससे पहले अस्पताल में गतिरोध को हल करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में बातचीत करने के बंगाल सरकार के सकारात्मक रुख का आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने स्वागत किया था और शाम पांच बजे राज्य सचिवालय में प्रस्तावित बैठक में भाग लेने की घोषणा की थी।
ALSO READ: CM ममता बनर्जी की PM मोदी को चिट्ठी, कहा रेप जैसे कृत्यों की केवल एक ही सजा
चिकित्सकों ने हालांकि राज्य सरकार द्वारा अनिवार्य 15 लोगों के बजाय 30 सदस्यों के साथ बैठक में भाग लेने की अपनी मांग पर कायम रहने का ऐलान किया। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने यह भी कहा कि वे बातचीत का सीधा प्रसारण करने से कम पर राजी नहीं होंगे हालांकि राज्य के मुख्य सचिव बैठक के लिए अपने नए निमंत्रण में पहले ही इस मांग को अस्वीकार कर चुके हैं।
क्या कहा था डॉक्टरों ने : एक प्रदर्शनकारी चिकित्सक ने कहा कि हम मुख्य सचिव के निमंत्रण और इस बात की पुष्टि का स्वागत करते हैं कि मुख्यमंत्री बैठक में मौजूद रहेंगी। हम खुले दिल से बैठक में शामिल होंगे, लेकिन यह हमारे सहयोगी को न्याय दिलाने और राज्य भर में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मुद्दे पर केंद्रित होनी चाहिए। चिकित्सकों ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के ईमेल का जवाब अपराह्न करीब तीन बजकर 45 मिनट पर दे दिया था, जिसमें उन्होंने बैठक में उपस्थिति की पुष्टि की।
चिकित्सक ने कहा कि राज्य के 26 मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं। अगर हम हर कॉलेज से एक सदस्य भी चुनते हैं तो भी 30 से कम लोगों का प्रतिनिधिमंडल होना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय ले जाने के लिए बस का इंतजाम कर लिया गया है। चिकित्सकों ने प्रस्तावित बैठक की पूरी प्रक्रिया का सीधा प्रसारण करने पर जोर दिया। उनका कहना है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। (एजेंसी/वेबदुनिया) Edited by: Vrijendra Singh Jhala