नई दिल्ली। तेलंगाना में महिला पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के चार आरोपियों के हैदराबाद पुलिस द्वारा कथित मुठभेड़ में मारे जाने पर महिला सांसदों की अलग अलग प्रतिक्रिया रही जिसमें सपा सांसद जया बच्चन ने इसे 'देर आये दुरुस्त आये' बताया, वहीं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने इसे भयानक परिपाटी करार दिया।
सपा की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं के इस मुठभेड़ के बारे में सवाल पर अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया में इतना ही कहा 'बहुत देर कर दी। देर आये दुरुस्त आये।'
उल्लेखनीय है कि बच्चन ने राज्यसभा में इस मामले पर चर्चा के दौरान महिला हिंसा से जुड़े इस तरह के गंभीर मामलों के आरोपियों को भीड़ के हवाले कर देने का सुझाव देते हुए बर्बरता करने वालों के साथ कठोरतम रवैया अपनाने की बात कही थी। उन्नाव सहित अन्य स्थानों पर भी इस तरह की घटनाओं के आरोपियों के साथ हैदराबाद पुलिस की तरह ही रवैया अपनाने के सवाल पर बच्चन ने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी।'
पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संसद भवन परिसर में कहा, 'जो भी हुआ बहुत भयानक हुआ है इस देश के लिए...आप लोगों को इसलिए नहीं मार सकते क्योंकि आप ऐसा करना चाहते हैं। आप कानून को अपने हाथ में नहीं सकते हैं, उन्हें (आरोपियों को) अदालत से तो फांसी मिलने ही वाली थी।'
मेनका ने कहा , 'फिर फायदा क्या है? फायदा क्या है अदालत का, फायदा क्या है पुलिस का? तब तो जिस को चाहो उठाओ और गोली मार दो।'
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि उन्नाव की घटना को सही नहीं ठहराया जा सकता। हैदराबाद की घटना को सही नहीं ठहराया जा सकता। ईरानी ने कहा कि हैदराबाद और उन्नाव की घटना पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के दोषियों को मृत्युदंड देने के प्रावधान वाला कानून इस सरकार में बनाया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में हाल में हुए पंचायत चुनाव में बलात्कार का प्रयोग एक राजनीतिक हथियार के रूप में किया गया।
हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर जला देने के सभी चारों आरोपी शुक्रवार सुबह पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गए। इस घटना की सोशल मीडिया पर कई लोगों ने प्रशंसा की जबकि कुछ लोगों ने इस न्यायेतर कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस से हथियार छीने और पुलिस पर गोलियां चलाईं। आरोपियों ने भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने जवाब में गोलियां चलाईं। इस दौरान चारों आरोपी मारे गए। अधिकारी ने बताया कि इस घटना में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
हैदराबाद की घटना के चारों आरोपियों की आयु 20 से 24 वर्ष थी। उनमें से एक लॉरी चालक था और बाकी हेल्पर थे। उन्हें 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। (भाषा)