Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

‘हाइब्रिड-वॉरफेयर’ का अस्त्र बनकर उभरा है डेटा का उपयोग

हमें फॉलो करें ‘हाइब्रिड-वॉरफेयर’ का अस्त्र बनकर उभरा है डेटा का उपयोग
, शनिवार, 20 फ़रवरी 2021 (16:25 IST)
नई दिल्ली, 'हाइब्रिड वॉरफेयर' दुश्मन के साथ जंग करने का नये जमाने का तरीका है। इस युद्ध में डेटा का खेल होता है और उस डेटा के विश्लेषण के बाद दुश्मन के खिलाफ चालें चली जाती हैं।

इस डेटा की मदद से आप दुश्मन देश में गलत सूचनाएं फैलाकर हिंसा और तनाव की स्थिति को जन्म दे सकते हैं। हमारा पड़ोसी देश आजकल यही कार्य कर रहा है, लेकिन भारत ने सूचनाओं के सही प्रयोग से उसे करारा जवाब दिया है। ये बातें मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ध्रुव कटोच ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा सैन्य अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम के समापन समारोह में कही हैं।

मेजर जनरल कटोच ने कहा कि ''हमारा पड़ोसी देश अब सूचनाओं के सहारे युद्ध लड़ने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, मुझे पूरा विश्वास है कि इस तरह के 'हाइब्रिड वॉरफेयर' से निपटने में भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम है।''

उन्होंने कहा कि आज हम जिस दौर में रह रहे हैं, वहाँ सूचनाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। हम मीडिया को मैनेज नहीं कर सकते, हम सिर्फ सूचनाओं को मैनेज कर सकते हैं। कटोच ने कहा कि न्यू मीडिया के इस दौर में समाज के हर वर्ग के लिए मीडिया साक्षरता अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आज जब लगभग हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन है, तब मीडिया के दुरुपयोग की संभावना बढ़ गई है और इसे केवल मीडिया साक्षरता के माध्यम से ही नियंत्रित किया जा सकता है।

कटोच ने कहा कि मीडिया साक्षरता से हमें उस मनोवैज्ञानिक युद्ध का मुकाबला करने में भी मदद मिलेगी, जिसे आज हम पूरी दुनिया में देख रहे हैं। हमें भारत विरोधी ताकतों द्वारा एक उपकरण के रूप में अपनाए जा रहे इस मनोवैज्ञानिक युद्ध से सचेत रहना होगा। हमें यह सीखना होगा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कैसे किया जाए।

इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हमारे देश में सेना को हमेशा सम्मान और गर्व के भाव से देखा जाता है। इसलिए, सभी सैन्य अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी संचार कुशलता से और संचार माध्यमों के सही प्रयोग से भारतीय सेना की उस छवि को बनाए रखें।

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि 21वीं शताब्दी 'इंटरनेट और सोशल मीडिया' के युग की शताब्दी मानी जा रही है। आज फेक न्यूज अपने आप में एक बड़ा व्यापार बन गई है और डिजिटल मीडिया ने भी इसे प्रभावित किया है।

उल्लेखनीय है कि आईआईएमसी प्रतिवर्ष सैन्य अधिकारियों के लिए मीडिया एवं संचार से जुड़े शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्सेज का आयोजन करता है। इन पाठ्यक्रमों में तीनों सेनाओं के कैप्टन स्तर से लेकर ब्रिगेडियर स्तर तक के अधिकारी हिस्सा लेते हैं। कोरोना के कारण इस वर्ष यह ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑनलाइन आयोजित किया गया है।

इस वर्ष लोक मीडिया से लेकर न्यू मीडिया एवं आधुनिक संचार तकनीकों की जानकारी सैन्य अधिकारियों को प्रदान की गई है। इसके अलावा न्यू मीडिया के दौर में किस तरह सेना एवं मीडिया के संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण भी अधिकारियों को दिया गया है। (इंडिया साइंस वायर)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ऑनलाइन शिक्षा बनी छात्र और शिक्षकों के लिए मददगार