नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को कहा कि यह सरकार तय करेगी कि क्या भारत को हुवावेई मुद्दे पर कोई रुख तय करना चाहिए? नियामक ने कहा कि हुवावेई पर रुख तय करना एक बड़ा सवाल है जिस पर सरकार को फैसला करना है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह हुवावेई और उसकी संबद्ध कंपनियों को काली सूची में डाला था। इस कदम से चीन की कंपनी बिना अमेरिका सरकार की मंजूरी के अमेरिकी कंपनियों से कलपुर्जे नहीं खरीद सकती है।
ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने संवाददाताओं के इस सवाल पर कि क्या भारत को भी हुवावेई पर अपना रुख तय करना चाहिए? कहा कि यह एक बड़ा सवाल है जिस पर सरकार को फैसला करना है। उन्होंने इस मामले पर और कुछ नहीं कहा।
हालांकि हुवावेई ने कहा है कि वह अपने मौजूदा स्मार्टफोन और टैबलेट्स के लिए सुरक्षा अपडेट और बिक्री बाद की सेवाएं उपलब्ध कराती रहेगी। हालांकि उसके उत्पादों के लिए भविष्य की रूपरेखा तय नहीं है, क्योंकि उसका एंड्रॉयड लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
अमेरिका और चीन में व्यापार युद्ध के बीच समझा जाता है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल अब हुवावेई को हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और तकनीकी सेवाएं रोकने जा रही है। (भाषा)