सोनिया गांधी आज हुईं 77 साल की, जानिए कैसी थी राजीव और सोनिया की लव स्‍टोरी

इटली की एक ‘प्रेम कहानी’ जो भारतीय राजनीति की किताब में हमेशा के लिए दर्ज हो गई

Webdunia
शनिवार, 9 दिसंबर 2023 (12:58 IST)
Photo source : X (Twitter)
इटली के एक गांव ओवासान्यो में स्टेफानो मेनो नाम के एक शख्‍स थे। वे मिस्‍त्री का काम करते थे। स्टेफानो मेनो के घर 9 दिसंबर 1946 को एक बेटी का जन्म हुआ। इसका नाम रखा गया था एंटोनिया एडविजे अल्बिना माइनो। भारत में यही माइनो अब सोनिया गांधी के नाम से जानी जाती हैं और देश के सबसे बडे राजनीतिक घराने का हिस्‍सा हैं। आज सोनिया गांधी 77 साल की हो गई हैं। जानते हैं उनके और राजीव की लव स्‍टोरी के बारे में!

प्यार की कोई संस्कृति, सरहद, नस्ल और कोई मजहब नहीं होता। वे इन सब से पार होकर अपनी जगह बना लेता है। इटली की एक ऐसी ही प्रेम कहानी है। यह कहानी इटली के एक छोटे से शहर की लड़की से शुरू होती है और भारत की गलियों में भी गूंजती है।

यह कोई मामूली प्रेम कहानी नहीं थी। जिन दो देशों से यह कहानी जुड़ी है, वहां के लोग इसे एक परीकथा की तरह देखते हैं। कई नौजवान लड़कियों के लिए यह कहानी किसी ख्‍वाब से कम नहीं। लेकिन यह भी एक दुर्भाग्‍य है कि इतनी हसीन प्रेम कथाओं का अंत भी बेहद दुखद हो सकता है।

इटली से भारत तक चर्चा में आने वाली इस प्रेम कहानी की शुरुआत होती है 1956 में लंदन की एक शाम से। एक बेहद खूबसूरत, रईस खानदान के एक नौजवान लड़के को इटली की यह गोल्‍डन हेयर बाला नजर आती है और जैसे कि कहा जाता है 'Rest is History' जी, हां। इसके बाद यह प्रेम इतिहास ही हो गया।

दरअसल, 1965 का साल था और इस साल के किसी महीने में भारत के सबसे बड़े राजनीतिक घराने के वारिस राजीव गांधी को एक शाम सोनिया गांधी नजर आती हैं। इस नजर के साथ ही दो देशों के इतिहास में सबसे चर्चित प्रेम कहानी दर्ज हो जाती है।

प्रेम कहानी के दो किरदार : एक प्रेम कहानी का एक किरदार हैं राजीव गांधी, जो न सिर्फ भारत की सबसे सशक्‍त प्रधानमंत्री के बेटे हैं, बल्‍कि आगे चलकर खुद भी भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं। दूसरी किरदार हैं इटली के एक छोटे से शहर की लड़की सोनिया गांधी जिनका पहला नाम सोनिया माइनो था, सोनिया न सिर्फ भारत बहू बनी बल्‍कि वो यूपीए की अध्‍यक्ष बनीं और यहां तक कि पीएम के पद के बेहद करीब भी पहुंची, हालांकि कुछ राजनीतिक समीकरणों या कारणों से वो पीएम नहीं बन सकीं।

बहरहाल, तमाम सियासत और सियासत के स्‍याह पक्ष के इतर राजीव और सोनिया को लोग उनके बीच के प्रेम के लिए भी याद रखते हैं।  दिलचस्प तो यह है कि सोनिया और राजीव गांधी की प्रेमकथा इटली के ज्यादातर लोगों के लिए अब भी परी कथा सरीखी है। क्‍योंकि इटली में सादगी भरे जीवन की शुरुआत करने वाली सोनिया भारत आकर यहां की संस्‍कृति में इतना रच बस गईं कि यहीं की होकर रह गई, बावजूद इसके कि उनके पति राजीव की कई सालों पहले राजनीतिक हत्‍या हो चुकी है और वे अब भी भारत में अकेली रह रहीं हैं।

रिश्वत की मदद से मुलाकात : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजीव गांधी ने अपने दोस्त और रेस्त्रां के मालिक चार्ल्स एंटोनी को इस बात के लिए रिश्‍वत दी थी ताकि वे सानिया के करीब रह सके। इसके बाद सोनिया के लिए राजीव ने पेपर नैपकिन में एक कविता लिखी और बेस्ट वाइन भेजी जो चार्ल्स के जरिए सोनिया तक पहुंचाई गई।

जब सोनिया से मिलने पहुंची इंदिरा गांधी : राजीव गांधी और सोनिया गांधी एक दूसरे के इतने प्यार में थे कि राजीव गांधी ने इसके बारे में अपनी मां को बता दिया। ये बात थी 1965 की। इंदिरा गांधी सोनिया से मिलने लंदन पहुंच गईं। वैसे तो राजीव के परिवार में इस रिश्ते की सहमति थी, लेकिन सोनिया के पिता को इससे थोड़ी दिक्कत थी। उनका मानना था कि उनकी बेटी राजनीतिक परिवार में जाएगी तो ये गलत होगा। हालांकि बाद में सबकुछ ठीक हो गया।

शादी से पहले बच्चन के घर में रहीं सोनिया : राजीव गांधी 1967 में भारत वापस आए और उन्होंने 1968 को सोनिया गांधी को भी भारत बुलवा लिया गया। उन्हें तेजी बच्चन के घर रखा गया, जो अमिताभ बच्‍चन की मां और हरिवंशराय बच्‍चन की पत्‍नी थीं। राजीव गांधी परिवार और बच्चन परिवार की बहुत गहरी दोस्ती थी। हरिवंश राय बच्चन ने ही राजीव के पिता की भूमिका निभाई और दोनों की शादी 25 फरवरी 1968 को हो गई। 1970 जून में राहुल गांधी का जन्म हुआ और 1972 जनवरी में प्रियंका गांधी का।

भारत की हो गईं सोनिया : राजीव गांधी की हत्‍या के बाद सोनिया गांधी के पास दो ही विकल्प थे। या तो वो अपने परिवार की विरासत छोड़कर अपने बच्चों को लेकर इटली वापस चली जाएं या फिर वो टूटती हुई कांग्रेस को सहारा दें। दरअसल, राजीव गांधी की हत्या के बाद 1997-98 में कांग्रेस के बंटवारे की नौबत आ गई थी, लेकिन शायद यह प्‍यार ही था कि जिसकी ताकत की वजह से सोनिया गांधी ने देश के सबसे बड़े घराने की राजनीतिक विरासत की कमान संभाली और कांग्रेस को जिंदा रखा।
Edited By : Navin Rangiyal

Related News

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

दिल्ली में दिखी छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की झलक, सशक्त भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका

अब Delhi-NCR में भी बिकेंगे नंदिनी के ये उत्‍पाद

LIVE: अडाणी को बड़ा झटका, केन्या ने रद्द किया 700 मिलियन डॉलर का करार

Manipur Violence : मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा

Adani Group की कंपनियों को भारी नुकसान, Market Cap में आई 2.19 लाख करोड़ की गिरावट

अगला लेख
More