Election Bond : चुनावी बांड से सभी राजनीतिक दलों को 2021-22 तक कुल 9,188 करोड़ रुपए का चंदा मिला। इसमें भाजपा के हिस्से में 57 प्रतिशत से अधिक चंदा आया जबकि कांग्रेस को केवल 10 प्रतिशत मिला। ADR ने इस संबंध में आंकड़ा जारी किया है।
वर्ष 2016-17 और 2021-22 के बीच 7 राष्ट्रीय राजनीतिक दलों एवं 24 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के माध्यम से कुल 9,188.35 करोड़ रुपए का चंदा मिला। इसमें भाजपा को 5,272 करोड़ रुपए मिले जबकि कांग्रेस को 952 करोड़ रुपए मिले। बाकी चंदा अन्य दलों को मिला।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफर्म्स (एडीआर) के अनुसार चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों के चंदे में काफी बढ़ोतरी हुई और वित्तवर्ष 2017-18 और 2021-22 के बीच इसमें 743 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
क्या है चुनावी बॉन्ड : चुनावी बॉन्ड एक वचन पत्र की तरह होता है जिसे भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से किसी भी भारतीय नागरिक या कंपनी द्वारा खरीदा जा सकता है। ये बॉन्ड अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को दान किए जा सकते हैं। बॉन्ड बैंक नोटों के समान होते हैं जो मांग पर वाहक को देय होते हैं। यह ब्याज मुक्त होते हैं।
कौन जुटा सकता है चुनावी बॉन्ड से फंड : राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत विभिन्न दलों को दिए गए नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉन्ड लाया गया था। पिछले लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत मत प्राप्त करने वाले पंजीकृत राजनीतिक दल चुनावी बॉन्ड के जरिये कोष प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
कौन खरीद सकता है चुनावी बॉन्ड : योजना के प्रावधानों के अनुसार चुनावी बॉन्ड वह व्यक्ति या इकाई खरीद सकता है, जो भारत का नागरिक है या भारत में गठित हुई हो।