Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

CAA लागू होने से पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों के बीच जगी आस, जानिए क्या है सीएए

हमें फॉलो करें CAA लागू होने से पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों के बीच जगी आस, जानिए क्या है सीएए

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , सोमवार, 11 मार्च 2024 (21:25 IST)
what is Citizenship Amendment Act  : देश में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के लागू होने से दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों में ना केवल नई उम्मीद जगी है बल्कि उन्होंने राहत की भी सांस ली है। उन्होंने कहा कि वे बहुत खुश हैं कि उन्हें ‘अंततः भारतीय नागरिक’ कहा जाएगा।
 
लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र ने 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए सीएए-2019 को लागू करने का ऐलान कर दिया है।
दिल्ली में पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी परिवारों के मुखिया माने जाने वाले धर्मवीर सोलंकी ने को बताया कि समुदाय के लगभग 500 लोगों को अब नागरिकता मिलेगी।
 
सोलंकी ने कहा कि मैं और मेरा परिवार एक दशक से अधिक समय से इसका इंतजार कर रहे हैं। हम बेहद खुश हैं कि आखिरकार हमें भारतीय नागरिक कहा जाएगा। मुझे खुशी है कि मैंने 2013 में अपने वतन लौटने का फैसला किया।’’
सोलंकी ने से कहा कि ऐसा लगता है जैसे हमारे कंधों से बहुत बड़ा बोझ उतर गया है। इस अधिनियम के लागू होने से यहां रहने वाले लगभग 500 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवारों को नागरिकता मिल जाएगी।
 
सीएए नियमों के अधिसूचित होने के साथ, मोदी सरकार अब उक्त देशों से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी। इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं।
 
एक अन्य पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी सोना दास ने कहा कि वह 2011 से भारतीय नागरिकता पाने का इंतजार कर रहे हैं और सीएए के लागू होने से उन्हें भारत में ‘नया जीवन’ मिलेगा।
 
दास ने कहा कि इस खबर से ऐसा लगता है जैसे हमें भारत में एक नया जीवन मिल रहा है। मैं 2011 में पाकिस्तान से यहां आया था और तब से नागरिकता का इंतजार कर रहा हूं। बेहद खुश हूं कि आखिरकार अब मुझे भारतीय नागरिक कहा जाएगा।’’
 
सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
 
वर्ष 2012 में पाकिस्तान से भारत आए कन्हैया ने केंद्र के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नागरिकता प्राप्त करना एक सपने के सच होने जैसा है।’’
 
कन्हैया ने से कहा कि हमें फिर से नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए मैं केंद्र के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मैं 2012 में अपने परिवार के साथ भारत आया था और तब से कागजात का इंतजार कर रहा हूं। यह एक सपने के सच होने जैसा है।
 
एक पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी कृष्ण मल 14 साल से भारतीय नागरिकता पाने का इंतजार कर रहे हैं। कृष्णमल ने से कहा कि हम 14 साल से इस दिन के लिए तरस रहे थे। यह तथ्य कि हम भारतीय नागरिक कहलाएंगे, एक सपने के सच होने जैसा है। मैं भारत सरकार का आभारी हूं कि उसने हमारी पीड़ा और परेशानी को समझा।’’
 
क्या है अधिनियम (what is Citizenship Amendment Act) : इस अधिनियम के अनुसार तीन देशों -पाकिस्तान, बंगलादेश एवं अफगानिस्तान से आने वाले हिन्दू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध एवं ईसाई छह धर्मों को मानने वाले ऐसे प्रवासियों को अवैध नहीं माना जाएगा जो वैध दस्तावेजों के साथ नहीं आये हैं। उन्हें भारत की नागरिकता का पात्र माना जाएगा और इसी उद्देश्य से भारत के विदेशी नागरिकों के पंजीकरण के प्रावधानों में कुछ बदलाव किए गए हैं।
 
ऐसे लोगों के साथ अवैध प्रवासियों जैसा व्यवहार नहीं जाएगा। इस लाभ को हासिल करने के लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 से छूट दी जाएगी। 
 
1920 के पासपोर्ट अधिनियम में विदेशियों के पास पासपोर्ट होने का निर्देश दिया गया है जबकि 1946 का विदेशी अधिनियम भारत में विदेशियों के प्रवेश और वापसी को विनियमित करता है। 
 
अधिनियम के अनुसार नागरिकता प्राप्त करने पर ऐसे व्यक्तियों को भारत में उनके प्रवेश की तारीख से भारत का नागरिक माना जाएगा और उनके अवैध प्रवास के संबंध में उनके खिलाफ सभी कानूनी कार्यवाही बंद कर दी जाएगी।
गृह मंत्रालय ने ये भी कहा है कि पात्र व्यक्ति आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा कर सकेगें जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है। भाजपा ने 2019 के चुनावी घोषणा-पत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक लाने की घोषणा की थी। इनपुट भाषा (प्रतीकात्मक चित्र) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

14 मार्च को 2 नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर बैठक, 15 मार्च को हो सकता है लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान