नई दिल्ली। नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में मातृभाषा के साथ 3 भारतीय भाषाओं का ज्ञान देने संबंधी प्रस्ताव पर दक्षिण के राज्यों में अभी से विरोध शुरू हो गया है। यहां नई शिक्षा नीति को हिन्दी थोपने से जोड़कर देखा जा रहा है।
त्रिची में डीएमके नेता टी. शिवा ने कहा कि तमिलनाडु के लोग हिन्दी थोपने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
दूसरी और फिल्म अभिनेता और मक्काल निधि मय्यम के नेता कमल हासन ने कहा कि हालांकि मैंने कई हिन्दी फिल्मों में अभिनय किया है, लेकिन मेरा मानना है कि हर किसी पर हिन्दी को थोपा नहीं जाना चाहिए। इसके साथ ही ट्विटर पर #StopHindiImposition भी ट्रेंड कर रहा है।
क्या है प्रस्ताव : प्रस्ताव के मुताबिक कम से कम 5वीं कक्षा अथवा 8वीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाने का सुझाव दिया गया है। साथ ही विशेषज्ञों के पैनल ने पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणालियों को शामिल करने, मातृभाषा के साथ-साथ 3 भारतीय भाषाओं का ज्ञान देने, राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन करने और निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने सहित कई महत्वपूर्ण सिफारिशों को शामिल किया है।
इसका उद्देश्य छात्रों को मातृभाषा और भारतीय भाषाओं को पढ़ने और लिखने में पारंगत करना है। इसके अतिरिक्त यदि कोई छात्र विदेशी भाषा पढ़ना चाहे तो वह चौथी भाषा के तौर पर इसे पढ़ सकता है।