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Hathras Stampede : ‘भोले बाबा’ के सुरक्षाकर्मियों के धक्का मारने से हुआ हादसा, फिसलन भरी ढलान से मौत, जो गिरे फिर उठे नहीं

हमें फॉलो करें Hathras Stampede :  ‘भोले बाबा’ के सुरक्षाकर्मियों के धक्का मारने से हुआ हादसा, फिसलन भरी ढलान से मौत, जो गिरे फिर उठे नहीं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

लखनऊ , बुधवार, 3 जुलाई 2024 (20:10 IST)
Hathras Stampede : हाथरस में सत्संग के बाद नारायण साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के सुरक्षाकर्मियों द्वारा अनुयायियों को धक्का मारने से फैली अफरा-तफरी तथा 'फिसलन भरी ढलान' के कारण मंगलवार को भगदड़ मची। इसमें 121 लोगों की मौत हुई। जो लोग फिसलन भरी ढलान से गिरे वे फिर उठ नहीं सके और लोगों के द्वारा कुचले गए।  यह जानकारी सिकंदराराऊ के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) की प्रारंभिक रिपोर्ट से मिली है, जिसे जिलाधिकारी को सौंप दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार सत्संग (धार्मिक समागम) की अनुमति देने वाले एसडीएम भी घटना के समय कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि सत्संग पंडाल में दो लाख से अधिक लोगों की भीड़ मौजूद थी। श्री नारायण साकार हरि (भोले बाबा) दोपहर करीब 12.30 बजे सत्संग पांडाल में पहुंचे और कार्यक्रम एक घंटे तक चला। इसके बाद करीब 1.40 बजे श्री नारायण साकार हरि (भोले बाबा) पंडाल से निकलकर राष्ट्रीय राजमार्ग -91 पर एटा की ओर जाने लगे।
रिपोर्ट में कहा गया कि जब बाबा कार्यक्रम स्थल से जा रहे थे, तो उनके अनुयायी उनके दर्शन के लिए उनकी ओर दौड़ने लगे और उनके पैरों के पास से मिट्टी एकत्र करने लगे। 2 जुलाई की रिपोर्ट में कहा गया है, "सत्संगी महिलाएं/पुरुष/बच्चे आदि बाबा के चरणों की धूल माथे पर लगाने लगे, उनके दर्शन करने लगे, उनके पैर छूने लगे और उनका आशीर्वाद लेने लगे।"
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिति तब और खराब हो गई, जब आगे सड़क के डिवाइडर पर इंतजार कर रहे लोग उनके वाहन की ओर दौड़ने लगे। इसमें कहा गया है, "जीटी रोड के बीचों-बीच और किनारों पर पहले से ही बड़ी संख्या में लोग डिवाइडर पर खड़े थे, जो बाबा के दर्शन पाने के लिए डिवाइडर से कूदकर उनके वाहन की ओर दौड़ने लगे।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि तभी बाबा के निजी सुरक्षाकर्मियों (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ को रोकने के लिए खुद ही भीड़ को धक्के मारना शुरू कर दिया जिससे कुछ लोग गिर गए।" उसमें कहा गया है कि इससे अफरा तफरी मच गई और भीड़ बेकाबू हो गई।
 
रिपोर्ट के मुताबिक, “ इसके कारण भीड़ राहत पाने के लिए कार्यक्रम स्थल के सामने सड़क के दूसरी ओर खुले मैदान की ओर भागी, जहां सड़क से मैदान की ओर उतरते समय गीली ढलान के कारण अधिकतर लोग फिसलकर गिर गए।” उसमें कहा गया है कि जो लोग गिरे, वे उठ नहीं सके और पीछे से आ रहे लोगों ने उन्हें कुचल दिया।
 
एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में दर्ज प्राथमिकी में 'मुख्य सेवादार' देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों को नामज़द किया गया है।
 
फरीदाबाद की महिलाएं भी थीं शामिल : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को एक सत्संग कार्यक्रम में भगदड़ के दौरान मारे गए 121 लोगों में तीन महिलाएं फरीदाबाद की रहने वाली थीं। राम नगर की रहने वाली लीला और सरोज तथा संजय कॉलोनी निवासी तारा के शव बुधवार को यहां उनके घर पहुंचे।
परिजनों ने बताया कि ये सभी महिलाएं सोमवार को एक बस से 50-60 लोगों के साथ सत्संग में शामिल होने हाथरस गई थीं और आज उनके शव जब उनके घर पहुंचे तो परिवारों का तो रो-रोकर बुरा हाल था ही, इलाके के लोग भी गमगीन थे।
वहीं सत्संग से लौटीं राजकुमारी ने आरोप लगाया कि कि सत्संग के बाद स्थानीय लोगों ने महिलाओं के सोने-चांदी के आभूषण छीनने के लिए धक्का-मुक्की की और भगदड़ मच गई। उन्होंने बताया कि पानी गिरने के कारण जमीन गीली थी जिस कारण से महिलाएं और बच्चे फिसल कर गिर गए और उनकी मौत हो गई। इनपुट भाषा

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