अहमदाबाद। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने सोमवार को कहा कि वह गुजरात में उत्तर भारतीयों के खिलाफ हो रही हिंसा के मामले में कांग्रेस विधायक और ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर के रवैये से जरा भी सहमत नहीं हैं।
पूर्व में ठाकोर के साथ मिलकर सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ अभियान चला चुके हार्दिक ने यह भी कहा कि उन्होंने अल्पेश के ऐसे भाषणों के वीडियो देखे हैं, जिनमें वह उकसाऊ बातें कहते हुए देखे जा सकते हैं। उन्हें तत्काल अपने समर्थकों से हिंसा नहीं फैलाने की अपील करनी चाहिए।
हार्दिक ने कहा कि उन्हें यह भी समझ में नहीं आ रहा कि अल्पेश किसलिए सद्भावना उपवास करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें और उनके साथियों को पाटीदार आरक्षण आंदोलन को लेकर राजद्रोह के मामले में आरोपी बनाया जा सकता है तो अगर अल्पेश ने भी हिंसा फैलाने का काम किया है तो कानून को उनके खिलाफ भी काम करना चाहिए।
हार्दिक ने कहा कि यह चिंता की बात है कि गुजरात की समृद्धि में योगदान करने वाले उत्तर भारतीय पहली बार यहां स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। गांवों में स्थिति खराब है। वहां ही गरीब मजदूर किस्म के लोग रहते हैं। फैक्ट्रियों में उत्पादन पर भी असर पड़ा है।
ज्ञातव्य है कि कुछ दिनों पहले उत्तर गुजरात के साबरकांठा जिले के ढुंढर गांव में ठाकोर समुदाय की 14 माह की एक बच्ची से दुष्कर्म के मामले में बिहार निवासी एक युवक के पकड़े जाने के बाद से फैली हिंसा के बाद बड़े पैमाने पर उत्तर भारतीय यहां से वापस अपने घर लौट रहे हैं और कई भयभीत होकर काम पर नहीं जा रहे। पिछले लगभग एक सप्ताह में मुख्य रूप से उत्तर गुजरात के जिलों में उत्तर भारतीय पर हमलों की 57 से अधिक घटनाएं हुई हैं।
हालांकि अल्पेश ने इन आरोपों का खंडन किया है कि वह अपने समर्थकों को गैर गुजरातियों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, शक्तिसिंह गोहिल और प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने भी अल्पेश के खिलाफ आरोपों को खारिज किया है।
भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना : दूसरी ओर भाजपा और जनता दल यू ने इस हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा सांसद गिरिराजसिंह ने कहा कि यह कांग्रेस की सोची-समझी साजिश है। वहीं जदयू ने सवाल पूछा है कि कांग्रेस को बिहार के लोगों से इतनी नफरत क्यों है?