वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे की रिपोर्ट 2 दिनों अंदर कोर्ट में जमा की जानी है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 19 मई को अगली सुनवाई होनी है। ज्ञानवासी मस्जिद को कोर्ट में ले जाने वाली 5 महिलाएं हैं। इन महिलाओं ने मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरा स्थल पर प्रार्थना की इजाजत मांगी है। इन महिला याचिकाकर्ताओं में एक दिल्ली की रहने वाली हैं और बाकी 4 महिलाएं वाराणसी की हैं।
4 महिलाएं वाराणसी की : कोर्ट में याचिका लगाने वाली महिलाओं में लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक वाराणसी में रहती हैं। वे मामले की हर सुनवाई के दौरान मौजूद रही हैं। यह सुनवाई अगस्त 2021 में शुरू हुई थी। 5वीं महिला और मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह दिल्ली में रहती हैं और अभी तक कोर्ट की सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं रहीं। 65 वर्षीय लक्ष्मी देवी के पति और वाराणसी में विहिप के एक वरिष्ठ पदाधिकारी सोहन लाल आर्य का दावा है कि उन्होंने ही याचिकाकर्ताओं को प्रेरित किया और एक साथ लाए।
कौन हैं राखी सिंह : खबरों के मुताबिक राखी सिंह हिन्दुत्व के लिए काम करने वाली एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं।ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे को लेकर मुख्य याचिकाकर्ता दिल्ली की राखी सिंह विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य हैं। इसके अध्यक्ष उनके चाचा जितेन्द्र सिंह हैं। राखी किसी मामले में किसी भी सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुई हैं।
वे कई बार वाराणसी आ चुकी हैं और देवी मां श्रृंगार गौरी की उपासक हैं। सनातन संघ के कार्यक्रमों के दौरान राखी सिंह की मुलाकात लक्ष्मी, सीता साहू, मंजू और रेखा पाठक से हुई थी। संगठन ने वाराणसी की 4 महिलाओं के साथ समन्वय किया और अगस्त 2021 में ज्ञानवापी याचिका दायर करने के लिए उन्हें एक साथ लाया गया।
घरेलू महिला हैं लक्ष्मी देवी : लक्ष्मी देवी के पति विहिप नेता सोहन लाल आर्य के मुताबिक वे एक गृहिणी हैं जो कभी किसी संगठन या संगठन से नहीं जुड़ी। दंपति वाराणसी के महमूरगंज इलाके में रहता है। घरेलू महिला होने के बाद भी लक्ष्मी देवी अदालत की सुनवाई के दौरान उपस्थित रहती हैं।
ब्यूटी पार्लर चलाती हैं मंजू व्यास : मंजू व्यास ज्ञानवापी परिसर से 1.5 किमी दूर अपने घर पर ही ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। वे किसी भी संगठन से जुड़ी हुई नहीं हैं। ब्यूटी पॉर्लर के अलावा वे अपने परिवार का ध्यान रखती हैं। श्रृंगार गौरी स्थल पर प्रार्थना करने में उनकी रुचि है।
देवी के लिए आगे आईं रेखा पाठक : काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के पास में हनुमान पाठक क्षेत्र में रहने वाली रेखा पाठक घरेलू महिला हैं। वे भी अपनी देवी के लिए इस पूरे मामले में शामिल हुईं। मुझे बुरा लगा कि मंदिर में पूजा के लिए जाने वाली महिलाओं को बैरिकेडिंग के पार जाने की अनुमति नहीं है, इसलिए मैं याचिका का हिस्सा बनी। याचिका दायर करने का निर्णय हमने मंदिर के एक सत्संग के दौरान लिया क्योंकि हम सभी देवी मां की पूजा करते हैं।
छोटा सा जनरल स्टोर चलाती हैं सीता साहू : सीता साहू ज्ञानवापी परिसर से सिर्फ 2 किमी दूर वाराणसी के चेतगंज इलाके में अपने घर से एक छोटा सा जनरल स्टोर चलाती हैं। वे भी कभी किसी पार्टी या संगठन से नहीं जुड़ी। उनका कहना है कि हम हिन्दू धर्म के लिए काम कर रहे हैं और याचिका दायर की है क्योंकि हमें मंदिर में अपनी देवी की ठीक से पूजा करने की अनुमति नहीं है।