वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कपड़ों पर 70 साल बाद कर लगाने के खिलाफ दिल्ली हिंदुस्तानी मर्कन्टाइल एसोसिएशन ने देशभर में 27 से 29 जून तक कपड़ा बाजार बंद रखने का एलान किया है।
एसोसिएशन उप-प्रधान श्रीभगवान बंसल ने बताया कि पहले एक दिन की हड़ताल की गई थी जिससे 20 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था। अब तीन दिन की हड़ताल से 60 हजार करोड़ रुपए का नुकसान का अनुमान है। देशभर के कपड़ा व्यापारियों के प्रतिनिधियों ने रविवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र होकर आगे की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया।
एसोसिएशन के प्रधान अरुण सिंहानिया ने सरकार से अपील की कि कपड़ा पर जीएसटी लगाने पर केन्द्र सरकार 30 जून की जीएसटी परिषद् की बैठक में पुनर्विचार करे। कपड़ा व्यापारियों, उनसे जुड़े कर्मचारियों तथा उनके परिवार और जनता पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को रोकने के लिए पुनर्विचार किया जाए।
सिंहानिया ने कहा कि कपड़े पर जीएसटी लगाने से देशभर के कपड़ा व्यापारी नाराज हैं। सत्तर साल बाद कपड़े को कर के दायरे में लाया गया है। आम जनता पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। जीएसटी में एक हजार रुपए तक के कपड़ों पर पांच प्रतिशत और इससे ऊपर की कीमत के कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी का प्रावधान किया गया है।
संगठन के महामंत्री मुकेश सचदेवा ने कहा कि यदि 30 जून की बैठक में इस पर पुनर्विचार नहीं किया जाता है तो देशभर के कपड़ा व्यापारी अनिश्चतकालीन हड़ताल करने को मजबूर होंगे। (वार्ता)