नई दिल्ली। संसद के सेंट्रल हॉल में आज ठीक रात 12 बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने घंटी बजाकर देश में एक राष्ट्र एक कर व्यवस्था 'जीएसटी' का आगाज हो गया...इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को यह समझाया कि 'नए चश्मे में आंखें एडजस्ट करनी पड़ती है।' संसद में मोदी के संबोधन की 10 प्रमुख बातें...
1. GST सभी राज्यों के मोतियों को एक धागे में पिरोने का प्रयास है
2. जो रास्ता हमने तय किया है वो किसी एक सरकार या एक दल की सिद्धि नहीं है, ये सांझी विरासत है
3. संयोग है कि गीता के 18 अध्याय थे और जीएसटी के लिए भी उसकी काउंसिल की 18 बैठकें हुईं
4. जीएसटी लागू किए जाने का मंथन 2 साल 11 महीने और 17 दिन तक चला था
5. जीएसटी काला धन और भष्टाचार नियंत्रण का एक अवसर
6. यह कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की मिसाल है। यह टीम इंडिया के सामर्थ्य का परिचायक है
7. जीएसटी व्यवस्था से अफसरशाही और इन्सपेंटर राज खत्म होगा
8. 125 करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं
9. देश एक नई अर्थव्यवस्था की ओर चल पड़ेगा
10. देश में अलग-अलग तरह के करीब 500 से ज्यादा टैक्स थे जिनसे आज मुक्ति मिल रही है। अब एक देश और एक टैक्स व्यवस्था का सपना साकार होगा