नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर शुक्रवार को हुई मैराथन मीटिंग में सरकार ने छोटे कारोबारियों को राहत देने का फैसला किया है। इसमें हर महीने रिटर्न भरने का मामला भी शामिल है। इस मामले में वित्त मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि जीएसटी पर सरकार ने क्या बड़े फैसले किए हैं...
* एक जनवरी के बाद ईवे बिल लागू होगा, जिसे अप्रैल 2018 तक पूरी तरह लागू किया जाएगा।
* कम टैक्स देने वालों की संख्या काफी। शून्य टैक्स देने वालों की संख्या भी बड़ी।
* 72 लाख पुराने टैक्स देने वाले हैं।
* ट्रेडर्स को 1 और निर्यातकों को 2 फीसदी टैक्स देना होगा।
* ई-वॉलेट में अनुमानित रिटर्न दिया जाएगा।
* डेढ़ करोड़ तक टर्नओवर वाले व्यवसायी तीन माह में रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। अब तक हर महीने रिटर्न भरना होता था।
* कंपोजीशन स्कीम का दायरा बढ़ा दिया गया है।
* अब एक करोड़ तक टर्नओवर वाले कंपोजीशन कर सकेंगे।
* कंपोजीशन स्कीम में तीन तरह के लोग आते हैं।
* मैन्युफैक्चरिंग वालों को 2 फीसदी, रेस्टोरेंट व्यवसायियों को 5 फीसदी टैक्स देना होगा।
* एडवांस रिफंड के लिए ई-वॉलेट की व्यवस्था शुरू करेंगे।
* हर निर्यातक का एक ई वालेट बनेगा। यह व्यवस्था जल्दी ही शुरू होगी।
* जो रिफंड बाद में मिलेगा वह वालेट से कम हो जाएगा।
* एक अप्रैल से यह व्यवस्था शुरू की जा सकती है।
* निर्यातकों का पैसा फंसे होने की शिकायतें आई हैं।
* जीएसटी पर सरकार की हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
* तुरंत रिफंड व्यवस्था धीरे धीरे बन रही है।
* 18 अक्टूबर से अगस्त माह का रिफंड मिलेगा।
* निर्यातकों के क्रेडिट में काफी दिक्कत है।
* एक ही फॉर्म से भरा जा सकेगा रिटर्न।
* ये बदलाव का दौर है। अभी संक्रमण काल है।
* जीएसटी को तीन महीने पूरे।
* छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत। हर महीने रिटर्न भरने से छूट मिलेगी।
* डेढ़ करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को मिलेगी राहत।
* अब हर तीन महीने में भरना होगा रिटर्न।
* 50 हजार रुपए तक की खरीदी के लिए पैन जरूरी नहीं।
* 2 लाख से ज्यादा की खरीदारी पर पैन नंबर देना होगा।
* सराफा व्यवसाय मनी लांडरिंग एक्ट से बाहर।