Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

जीएसटी वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि 2 महीने बढ़ी, अब सिर्फ आधार नंबर की ही जरूरत पड़ेगी

हमें फॉलो करें जीएसटी वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि 2 महीने बढ़ी, अब सिर्फ आधार नंबर की ही जरूरत पड़ेगी
, शुक्रवार, 21 जून 2019 (21:32 IST)
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद ने वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि 2 महीने बढ़ाते हुए जीएसटी के लिए पंजीयन को भी सरल बना दिया है जिससे अब सिर्फ आधार नंबर की ही जरूरत पड़ेगी।
 
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में परिषद की शुक्रवार को यहां हुई 35वीं बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक के बाद सीतारमण ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कर्नाटक, तेलंगाना और मिजोरम के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या वित्तमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।

वित्तमंत्री बनने के बाद पहली बार इस बैठक में शामिल हुई सीतारमण से राज्यों के वित्तमंत्रियों ने परिषद की नियमित अंतराल पर बैठक बुलाने की भी अपील की। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि मुनाफाखोरीरोधी राष्ट्रीय संगठन का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसका कार्यकाल इसी वर्ष समाप्त हो रहा था।
 
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों पर लगने वाले जुर्माने को भी कठोर बनाया गया है। अभी मुनाफाखोरी की राशि और 25 हजार रुपए का जुर्माना होता है लेकिन अब 30 दिनों के भीतर इस राशि को जमा नहीं कराने पर मुनाफाखोरी वाली राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा अतिरिक्त जमा कराना होगा।
 
उन्होंने कहा कि जीएसटी के लिए वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि 30 जून है जिसे बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 कर दिया गया है। मई महीने के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि शुक्रवार को समाप्त हो रही है लेकिन ई-वे बिल प्रणाली में कुछ खामियां आने के कारण इसकी अवधि भी 2 महीने बढ़ा दी गई है।
 
पांडेय ने कहा कि जीएसटी के लिए पंजीयन को सरल बना दिया गया है। इसके लिए पहले कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब सिर्फ आधार नंबर से ही काम हो जाएगा और उसी के आधार पर ऑनलाइन पंजीयन हो जाएगा। अब मल्टीप्लेक्स को इलेक्ट्रॉनिक टिकट जारी करना अनिवार्य बना दिया गया है जिससे केंद्र और राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।
 
उन्होंने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इस पर जीएसटी को 12 से कम कर 5 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पर लगने वाले कर को 18 से कम कर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।

इस मामले को फिटमेंट कमेटी को भेज दिया गया है और कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। अभी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का बहुत कम उत्पादन हो रहा है इसलिए कर में कटौती किए जाने से होने वाले राजस्व नुकसान का आकलन नहीं किया गया है।
 
उन्होंने कहा कि लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मंत्रियों के समूह ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और इस पर चर्चा की गई है। इस पर अब अटॉर्नी जनरल की राय ली जाएगी, क्योंकि इससे जुड़ा एक मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस संबंध में निर्णय दिया हुआ है। इसके मद्देजनर अटॉर्नी जनरल की राय ली जाएगी और अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।
 
उन्होंने बताया कि गत मार्च में हुई परिषद की बैठक में अनुमोदित निर्णय लागू हो चुके हैं और इस बैठक में उनको पिछली तिथि से अनुमोदित किया गया है। इसी तरह से जीएसटी रिटर्न सरलीकरण का काम भी जारी है और अगले वर्ष जनवरी से नया फॉर्म प्रभावी होगा। इसका अभी ट्रॉयल चल रहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

World Cup 2019 : श्रीलंका - इंग्लैंड मैच का ताजा हाल