बेंगलुरु। सरकार ने कारोबारियों द्वारा दाखिल किए जाने वाले जीएसटीआर-3बी कर रिटर्न को जमा कराने की समयसीमा को दिसंबर के बाद आगे और बढ़ाने की संभावना से इनकार किया।
एक जुलाई को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने एक आसान जीएसटीआर -3 बी फार्म पेश किया है।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा, 'हमने पहले ही जीएसटीआर-3बी के लिए समय बढ़ाया है। लोगों को स्व- आकलन के आधार पर दिसंबर तक संक्षेप में रिटर्न जमा कराना है। जहां तक जीएसटीआर-3बी का सवाल है दिसंबर के बाद इसमें और विस्तार नहीं दिया जाएगा।
जीएसटी नेटवर्क में आईटी आधारित दिक्कतों पर गौर करने के लिए बिहार के उपमुख्यमुत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह की पहली बैठक के बाद अधिया ने यहां संवाददाताओं से यह बात कही।
उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार का इरादा जीएसटी के तहत रिटर्न जमा करने की समय सीमा बढ़ाने का है। इससे पहले जीएसटी परिषद ने कंपनियों को जीएसटीआर-3बी रिटर्न जमा कराने के लिए दिसंबर तक का समय दिया था।
उन्होंने कहा कि जीएसटीएन पोर्टल में दिक्कतों की वजह से सरकार ने पहले समय बढ़ाने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि जीएसटीआर एक फार्म जमा कराने की समयसीमा को 10 सितंबर से 10 अक्टूबर किया गया है।
इसी प्रकार जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 जमा कराने की समयसीमा को बढ़ाकर क्रमश: 31 अक्तूबर और 10 नवंबर किया गया।
मंत्री समूह के प्रमुख बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 30 अक्टूबर तक ही सरकार रिटर्न जमा कराने में आ रही 70 से 80 प्रतिशत तक दिक्कतों को हल कर पाएगी। उन्होंने कहा कि अगस्त में 3.3 लाख लोगों ने जीएसटीआर-3बी जमा कराया है। इस नई व्यवस्था के तहत कुल 85 लाख डीलरों ने पंजीकरण कराया है।
मोदी ने कहा, 'यहां तक कि जुलाई माह के दौरान अब तक केवल 46 लाख करदाताओं ने 3बी रिटर्न जमा कराया है।'
सुशील मोदी ने करदाताओं से अपील की है कि वह रिटर्न दाखिल करने के लिये अंतिम तिथि की प्रतीक्षा नहीं करें। उन्होंने कहा कि मंत्री समूह की बैठक हर 15 दिन में एक बार होगी।
एक सवाल पर अधिया ने कहा कि यह बैठक काफी अच्छी रही क्योंकि इससे अंशधारकों के बीच आपसी समझ को बेहतर करने में मदद मिली है। (भाषा)