लोगों के स्मार्ट फोन में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के नाम से एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर सेव हो गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा होने लगा और लोग यूआईडीएआई पर निशाना साधने लगे, लेकिन मोबाइल फोन में यूआईडीएआई के नाम से नंबर सेव होने के मामले में गूगल ने जिम्मेदारी ली। गूगल ने यह स्वीकार कर लिया है कि लोगों के मोबाइल फोन में दिखने वाले नंबर में उसकी गलती है। उसकी एक गलती के कारण लोगों के फोन में यह नंबर दिखा।
पहले टोल फ्री नंबर आने के बाद यूआईडीएआई के ऊपर सवाल उठ रहे थे, लेकिन बाद में यूआईडीएआई ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि किसी फोन निर्माता या दूरसंचार सेवा प्रदाता को मोबाइल फोन में अपना टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पहले से डालने के लिए नहीं कहा है।
यूआईडीएआई ने यह भी स्पष्ट किया कि एंड्रायड फोन में पाया जा रहा हेल्पलाइन नंबर 1800-300-1947 पुराना और अमान्य है। UIDAI ने बयान में कहा कि उसने किसी भी फोन ऑपरेटर या निर्माता को ऐसी अनुमति नहीं दी है। UIDAI ने यह भी बताया है कि ये कंपनियां उसका पुराना टोल फ्री नंबर 1800-300-1947 चला रही हैं जो वैध नहीं है।
गूगल ने कहा कि उसने एंड्रॉयड फोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले शुरुआती सेटअप में यह नंबर डाला था और इसके कारण से ये कई सारे यूज़र्स के नए एंड्रॉयड मोबाइल फोन में भी ट्रांसफ़र होकर सेव हो गया। गूगल ने यह भी कहा कि अगले कुछ हफ्तों में इसे फिक्स कर दिया जाएगा।