Go First Air।ine crisis : संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्ट (GoFirst) ने 15 मई तक टिकट बुकिंग रोकने की घोषणा की है। इसके अलावा एयरलाइन (Air।ine) यात्रियों को टिकट का पैसा लौटाने या भविष्य में यात्रा के लिए उनके इस्तेमाल की अनुमति देने पर विचार कर रही है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
एयरलाइन द्वारा 3 मई से 3 दिन के लिए अपनी उड़ानें निलंबित करने के फैसले के बाद डीजीसीए ने गो फर्स्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नियामक ने बयान में कहा कि गो फर्स्ट के 15 मई तक अपनी उड़ानों के लिए टिकट बुकिंग रोकने की सूचना है। एयरलाइन ने कहा है कि वह या तो यात्रियों को टिकट का पैसा लौटाएगी या उन्हें भविष्य की तारीख में उड़ान की अनुमति देगी।
गो फर्स्ट के जवाब के बाद डीजीसीए ने एयरलाइन से मौजूदा नियमनों के तहत निर्धारित समयसीमा में टिकट का पैसा लौटाने का निर्देश दिया है। नियामक ने कहा कि उसका प्रयास है कि गो फर्स्ट द्वारा अचानक परिचालन बंद करने से यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम से कम किया जा सके।
NC।T ने GoFirst की याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NC।T) ने संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्ट की स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंगम सुधाकर की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने दिनभर चली सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखने की बात कही। वाडिया समूह के नियंत्रण वाली एयरलाइन ने अपनी याचिका में दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने की अपील की है। इसके साथ ही एयरलाइन ने अपनी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग रखी है।
हालांकि पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने एयरलाइन के इस आग्रह का विरोध करते हुए कहा कि उनका पक्ष सुने बगैर दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। गो फर्स्ट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) का मकसद यह है कि कंपनी परिचालन में बनी रहे। नकदी संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने अपनी उड़ानें 9 मई तक रद्द कर दी है।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)