गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमखंड टूटने से नदियों में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त एनटीपीसी की निर्माणाधीन 480 मेगावॉट तपोवन—विष्णुगाड पनबिजली परियोजना की एक सुरंग में फंसे सभी 12 मजदूरों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
हालांकि तपोवन क्षेत्र में ही स्थित परियोजना के एक अन्य सुरंग में फंसे 30-35 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बचाव और राहत कार्य चलाया जा रहा है।
औली में आइटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट एसएस बुटोला ने बताया कि परियोजना की एक सुरंग में फंसे सभी 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
उन्होंने बताया कि हांलांकि तपोवन परियोजना की एक और सुरंग में भी 30-35 मजदूर फंसे हुए हैं जिन्हें सेना की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इस सुरंग में बाढ़ के साथ आया मलबा जमा हो गया है जिसे मशीनों की मदद से हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस बीच एनटीपीसी के महाप्रबंधक आरपी अहीरवाल ने बताया कि निर्माणाधीन परियोजना को बाढ़ से बहुत नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि हांलांकि वास्तविक आकलन करने में अभी समय लगेगा लेकिन बाढ़ के पानी के बैराज के उपर से बह जाने के कारण वह काफी क्षतिग्रस्त हो गया है। यह परियोजना धौलीगंगा के ऊपर बन रही है। इसके अलावा बाढ़ से बिजली उत्पादन कर रही 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना भी पूरी तरह से तहस-नहस हो गई है। (भाषा)