नई दिल्ली। भारत की 80 कंपनियों ने जर्मनी में वर्ष 2016 में 11.4 अरब यूरो का कारोबार करते हुए 27400 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने ई वाई एवं बेर्टेल्समन फाउंडेशन के साथ मिलकर किए सर्वेक्षण के आधार यहां जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा करते हुए कहा है कि यह सर्वेक्षण प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ साक्षात्कार पर आधारित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2010 से 2016 के दौरान जर्मनी में भारतीय कंपनियों ने 140 बड़ी परियोजनाएं शुरू की है। इसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ ही अधिग्रहण और विलय भी शामिल है। जर्मनी यूरोप में भारतीय कंपनियों के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में दूसरे स्थान पर है और इन कंपनियों ने 96 परियोजनाओं में निवेश किया है। जिन क्षेत्र में भारतीय कंपनियों ने निवेश किया है उनमें ऑटोमोटिव, धातु प्रसंस्करण उद्योग, प्रोफेशनल, टेक्निकल और वैज्ञानिक सेवाएं, रसायन एवं फार्मा उद्योग, इलेक्ट्रॉटेक्निक्स और मशीनरी विनिर्माण आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय कंपनियां जर्मनी में अभी अपने कारोबार का 70 फीसदी हिस्सा धातु उद्योग और ऑटोमोटिव उद्योग से हासिल कर रही है। इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में टाटा स्टील, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और सोना ऑटोकॉम्प शामिल है। जर्मनी में भारतीय कंपनियों के राजस्व में आईटी उद्योग की हिस्सेदारी मात्र नौ फीसदी है।
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 80 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि इनोवेशन और टेक्नॉलॉजी जर्मनी में निवेश करने का महत्वपूर्ण कारक है। इसके लिए भारतीय कंपनियों विलय और अधिग्रहण पर जोर दे रही है। भारतीय कंपनियों ने जो अधिग्रहण किए हैं उनमें 20 फीसदी कंपनियां ऑटोमोटिव क्षेत्र से जुड़ी हुई है जबकि एक तिहाई कंपनियां मेकेनिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र की है। (वार्ता)