उन्होंने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व शैली यह विश्वास पैदा नहीं करती कि यह सरकार 5 साल सफलतापूर्वक चल सकती है।
गोगोई ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि इंडिया गठबंधन के 236 सांसदों की उपस्थिति में यह एक ऐसी संसद होगी जहां वे (सत्तापक्ष) विधेयकों को मनममाने ढंग से पारित नहीं करा सकते, हमें डरा नहीं सकते, हमें निलंबित नहीं कर सकते।
कांग्रेस नेता ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि राजग की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार ने सरकार गठन में सबकुछ भाजपा पर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं के पास बेहद चतुर राजनीतिक दिमाग है और उन्हें आंकने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि केवल समय ही बताएगा कि कि उनके असल इरादे क्या हैं।
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गोगोई का कहना था कि उनके पास अपनी पार्टी के भीतर ही अपना दृष्टिकोण बदलने का लचीलापन नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय कैबिनेट सहयोगियों को निर्देशित करेगा। सहयोगी दल अपने राज्यों को विशेष दर्जा देने, जाति जनगणना कराने, अग्निपथ योजना को हटाने की मांग करते रहेंगे लेकिन मुझे नहीं लगता कि सहयोगी दलों को लेकर उनका (मोदी) दृष्टिकोण बदल जाएगा।
उनका कहना था कि जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं, मुझे नहीं लगता कि संसद के प्रति उनका दृष्टिकोण बदलने वाला है। वे अभी भी दबाव डालने, निलंबित करवाने, अयोग्य घोषित कराने, निशाना बनाने की कोशिश करेंगे। लेकिन हां, फुटबाल की तरह, जहां पहले तीन रक्षक थे, हमारी दीवार (रक्षकों की) अब बड़ी और अधिक मजबूत है।
गोगोई ने कहा कि यह हमारी (विपक्ष की) भूमिका है और जनता हमसे यही उम्मीद करती है। जनता ने हमें इसी के लिए वोट दिया है और हम यही करने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव का सार यही है कि भारत की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी को विनम्रता का पाठ पढ़ाया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी जी अपने मंत्रिमंडल तक को विश्वास में नहीं लेते। जब उन्होंने नोटबंदी की, तो वित्त मंत्री को पता नहीं था। जब उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया, तो उनके मंत्रिमंडल को पता नहीं था। जब वह अग्निपथ लाए, तो उनके मंत्रिमंडल को पता नहीं था। इसलिए जो व्यक्ति अपने मंत्रिमंडल को भी विश्वास में नहीं ले सकता, वह राजग को कैसे विश्वास में लेगा?
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के सुचारु रूप से काम करने के लिए एक खुले दिमाग, एक समावेशी दृष्टिकोण, सुनने की क्षमता और लचीला होना आवश्यक है जैसा अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हुआ था।
चुनाव में कांग्रेस के विजयी होने के दावे के विरोध में भाजपा के तर्क के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने कहा कि भाजपा अकेले नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के रूप में लड़ी और कांग्रेस इंडिया गठबंधन के रूप में लड़ रही थी तथा परिणाम को उस दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।
इस बार के लोकसभा चुनाव में राजग को 293 सीट तो इंडिया गठबंधन को 234 सीट मिलीं, लेकिन निर्दलीय सांसदों विशाल पाटिल और पप्पू यादव ने भी कांग्रेस के प्रति समर्थन का ऐलान किया है। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta