बेंगलुरू। चन्द्रयान-2 के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) अपने महत्वपूर्ण मिशन गगनयान की तैयारियों में जुट गया है। ISRO चीफ के सिवन ने बताया कि गगनयान प्रोजेक्ट के तहत दिसंबर 2020 में पहली और जुलाई 2021 में दूसरी मानवरहित स्पेस फ्लाइट अंतरिक्ष में भेजी जाएगी। इसरो ने कहा कि चन्द्रयान-2 के बाद अब गगनयान इसरो की प्राथमिकता है।
शनिवार को एक कार्यक्रम में इसरो प्रमुख डॉ के. सिवन ने कहा कि तीसरी फ्लाइट दिसंबर 2021 में मानव को लेकर अंतरिक्ष जाएगी। यह अंतरिक्ष में भारत का पहला मानव मिशन होगा, जिसे स्वदेशी रॉकेट के द्वारा लॉन्च किया जाएगा। गगनयान को जीएसएलवी मार्क-3 द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। गगनयान मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2018 में लालकिले से की थी। इस मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
यात्री अंतरिक्ष में गुजारेंगे 7 दिन : दिसंबर 2021 में गगनयान से 3 सदस्यीय वैज्ञानिकों का एक दल भेजा जाना है, जो कम से कम 7 दिन अंतरिक्ष में गुजारेगा। भारतीय वायुसेना ने ISRO के साथ गगनयान मिशन के लिए दल के सदस्यों और उन्हें प्रशिक्षण के लिए करार किया है। चयनित पायलटों को ट्रेनिंग रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकॉस्मोस भेजा जाएगा।
चन्द्रयान का कोई असर नहीं : शनिवार को एक कार्यक्रम में सिवन ने कहा कि चन्द्रयान-2 मिशन का असर गगनयान पर नहीं होगा। गगनयान भारत के लिए एक अहम प्रोजेक्ट है, क्योंकि यह मिशन देश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की क्षमता को बढ़ाएगा। गगनयान से विज्ञान के क्षेत्र में भारत की ताकत और बढ़ेगी।
(Photo courtesy : Rajya Sabha TV Twitter)