नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि नए साल में सरकार का ध्यान विश्वस्तरीय एक्सप्रेस-वे बनाने पर होगा।
उन्होंने कहा कि इस साल बातचीत और अन्य कोशिशों से अधिकांश रूकी हुई परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिली और बैंकों की तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में परिवर्तित होने से बचाई गई।
गडकरी ने कहा, ‘सरकार के प्रयासों से 99 प्रतिशत अटकी पड़ी परियोजनाओं को पटरी पर लाने में सफलता मिली। समस्याओं और मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत और लगातार बैठकों से यह संभव हो सका। इस मामले में कंपनियों को कालीसूची में डालने और उन्हें दोषी ठहराने के बजाय मंत्रालय ने समस्याओं को दूर करने पर ध्यान दिया।'
उन्होंने कहा कि कर्ज नहीं लौटाने के आदि और गलत काम करने वालों को बेशक दोषी ठहराया जाना चाहिए लेकिन जिन कंपनियों का पिछला रिकार्ड अच्छा रहा है उनके मामले में कोई कदम उठाते समय सावधानी बरती जानी चाहिए। साल 2018 में सरकार का यही प्रयास रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 2017 के आखिर में लार्सन एंड टूब्रो, एचसीसी और एस्सेल इंफ्रा जैसी बड़ी कंपनियों को अटकी हुई परियोजनाओं के लिए बोली लगाने से प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, इसके तुरंत बाद गडकरी ने काली सूची संबंधी आदेश पर अस्थायी रोक लगाते हुए 2018 की पहली छमाही में बैंकरों, कंपनियों और अन्य पक्षों के साथ मैराथन बैठकें की।
गडकरी ने साक्षात्कार में कहा, '3.85 लाख करोड़ रुपए मूल्य की 403 राजमार्ग परियोजनाएं अटकी पड़ी थीं और वे एनपीए में परिवर्तित होने के कगार पर पहुंची थी। हमने पहल करते हुए बातचीत की और बैंकरों एवं कंपनियों के साथ मैराथन बैठकें की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी मदद की। मंत्रिमंडल ने क्षेत्र की नीतियों से जु़ड़े 22 फैसले किए और आखिरकार बैंकों के तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि को एनपीए होने से बचा लिया गया।'
उन्होंने कहा कि यदि हम इन परियोजनाओं से जुड़ी ठेकेदार कंपनियों को दोषी मानकार कार्रवाई आगे बढ़ाते तो न केवल उस परियोजना के लिए दिया गया कर्ज एनपीए हो जाता बल्कि क्षेत्र को भारी नुकसान उठाना पड़ता।
गडकरी ने कहा कि 2019 में मंत्रालय का ध्यान विश्वस्तरीय एक्सप्रेस-वे का बड़ा नेटवर्क बनाने पर होगा। सरकार पूर्वी बाहरी एक्सप्रेसवे के तौर पर देश को पहला एक्सप्रेसवे सौंप चुकी है। इसका निर्माण रिकार्ड 500 दिन में किया गया।
गडकरी ने कहा कि दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे पर मेरठ तक काम अप्रैल तक पूरा कर लिया जायेगा। इस एक्सप्रेस-वे के 9 किलोमीटर के पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि बेंगलूरू- चेन्नई एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया गया है जबकि 44,000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले वडोदरा- मुंबई हिस्से के लिए ठेके आवंटित कर दिए गए हैं। (भाषा)