राफेल सौदा मामले में फ्रांस ने शुरू की न्यायिक जांच

Webdunia
शनिवार, 3 जुलाई 2021 (17:16 IST)
नई दिल्ली। भारत के साथ 59000 करोड़ रुपए के राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार और लाभ पहुंचाने के मामले में फ्रांस के एक न्यायाधीश को बहुत संवेदशील न्यायिक जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फ्रांस की समाचार वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट’ ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।

इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह सामने आएं और राफेल घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने का आदेश दें। उन्होंने कहा, फ्रांस में जो ताजे खुलासे हुए हैं, उनसे साबित होता है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ। कांग्रेस और राहुल गांधी की बात सही साबित हुई। अब यह घोटाला सबके सामने आ चुका है।

बहरहाल, इस मामले पर सरकार या भाजपा की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ‘मीडिया पार्ट’ के अनुसार, दो सरकारों के बीच हुए इस सौदे को लेकर जांच गत 14 जून को औपचारिक रूप से आरंभ हुई। इस सौदे पर फ्रांस और भारत के बीच 2016 में हस्ताक्षर हुए थे।

इस वेबसाइट की रिपोर्ट में कहा गया, भारत को 36 राफेल विमान बेचने के लिए 2016 में हुए 7.8 अरब यूरो के सौदे को लेकर फ्रांस में संदिग्ध भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच आरंभ हुई है। उसने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रीय वित्तीय अभियोजक कार्यालय (पीएनएफ) की ओर से जांच की पहल की गई है।

सौदे में अनियमितताओं को लेकर अप्रैल में ‘मीडिया पार्ट’ की एक रिपोर्ट सामने आने और फ्रांसीसी एनजीओ ‘शेरपा’ की ओर शिकायत दर्ज कराने के बाद पीएनएफ की ओर से जांच का आदेश दिया गया है। इस फ्रांसीसी वेबसाइट ने कहा, दो सरकारों के बीच हुए इस सौदे को लेकर 14 जून को बहुत ही संवेदनशील न्यायिक जांच औपचारिक रूप से आरंभ हुई।

‘मीडिया पार्ट’ से संबंधित पत्रकार यान फिलीपीन ने कहा कि 2019 में दायर की गई पहली शिकायत को पूर्व पीएनएफ प्रमुख की ओर से दबा दिया गया था।अप्रैल महीने में इस वेबसाइट ने फ्रांस की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए दावा किया था कि राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉं एविशन ने एक भारतीय बिचौलिए को 10 लाख यूरो दिए थे।
ALSO READ: औद्योगिक गतिविधियों में तेजी से एमपी में जून के दौरान 17 फीसदी बढ़ी बिजली की खपत
दसॉं एविएशन ने इस आरोप को खारिज कर दिया था और कहा था कि अनुबंध को तय करने में कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार ने इस विमान सौदे पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया था। कांग्रेस का आरोप है कि इस सौदे में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई है और 526 करोड़ रुपए के एक विमान की कीमत 1670 करोड़ रुपए अदा की गई।

उसने 2019 के लोकसभा चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। भाजपा और सरकार की तरफ से आरोपों को कई मौकों पर खारिज किया गया और यह कहा गया कि उच्चतम न्यायालय इस मामले में क्लीन चिट दे चुका है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारतीय छात्रों को जस्टिन ट्रूडो ने दिया बड़ा झटका, कनाडा ने फास्ट-ट्रैक वीजा किया समाप्त

हिमाचल में तेज हुई समोसा पॉलिटिक्स, BJP MLA ने CM को भेजे 11 समोसे

यूपी CM के पहनावे को लेकर अखिलेश यादव का तंज, सिर्फ कपड़ों से कोई योगी नहीं बनता

जमानत याचिका मामले में SC ने दिखाई सख्‍ती, कहा- एक दिन की देरी मूल अधिकारों का उल्लंघन

खरगे ने BJP पर लगाया भड़काऊ भाषणों के जरिए मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का आरोप

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: जम्मू-कश्मीर में 15 घंटे में 3 एनकाउंटर, किश्तवाड़ में 1 जवान शहीद, सोपोर में मारा गया 1 आतंकी

योगी ने अखिलेश के PDA का भी कर दिया नामकरण, प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी

सावरकर के नाम पर शाह की चुनौती का संजय राउत ने दिया जवाब, बोले महाराष्ट्र को समझने में विफल रहे

मल्लिकार्जुन खरगे ने PM मोदी पर साधा निशाना, लाल किताब को लेकर दिया यह बयान...

कश्मीर में बढ़ा आधुनिक हीटिंग उपकरणों के प्रचलन, घटी कांगड़ी की मांग

अगला लेख
More