समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव और कद्दावर नेता अमर सिंह का 1 अगस्त 2020 को 64 वर्ष की आयु में सिंगापुर में निधन हो गया। वे अपने शायराना अंदाज के कारण भारतीय राजनीति में अलग ही पहचान रखते थे।
अमरसिंह का जन्म 27 जनवरी 1956 में आजमगढ़ के एक राजपूत परिवार में हुआ था। इन्होंने कॉलेज शिक्षा सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से ग्रहण की।
कभी समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह के दाहिने हाथ माने जाने वाले अमरसिंह पर पर भ्रष्टाचार के कई मामले भी चले। नवंबर 1996 में वे राज्यसभा के सदस्य मनोनीत किए गए। 2008 में मनमोहन सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल करने की बहस के दौरान भाजपा के तीन सांसदों ने संसद में एक करोड़ रुपए के नोटों की गड्डियां संसद में दिखाई थीं।
2010 में अमरसिंह को समाजवादी से निष्कासित कर दिया गया था। 2016 में एक बार फिर उनकी पार्टी में वापसी हुई, लेकिन मुलायम की कमजोर स्थिति और आजम खान से विवादों के चलते एक बार फिर उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी।
कैश फॉर वोट कांड में हुई जेल : सांसदों ने आरोप लगाया था कि मनमोहन सरकार ने अमरसिंह के माध्यम से उनके वोट खरीदने की कोशिश की थी। 6 सितंबर 2011 को अमर सिंह भाजपा के दो सांसदों के साथ तिहाड़ जेल भेजे गए। 'कैश फॉर वोट' कांड में सिंह को जेल की हवा भी खानी पड़ी।
अमिताभ का दिया साथ : अमिताभ बच्चन के बुरे समय में अमरसिंह ने उनका बहुत साथ दिया। अमर ने इसके बाद राष्ट्रीय लोकमंच नाम की पार्टी की स्थापना की। उनके परिवार में पत्नी पंकजा कुमारी सिंह और दो पुत्रियां हैं।