नई दिल्ली। लोकसभा (LokSabha) में उस समय सदस्यों की हंसी छूट गई, जब गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एसपीजी (SPG) बिल पर बोलते हुए बुधवार को कहा कि राजनाथ (Rajnath) जी की तरफ देखो, इनके साथ तो टॉयलेट तक सुरक्षाकर्मी जाते थे।
दरअसल, गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि गांधी परिवार के सदस्य कई बार बिना सूचना दिए यात्रा पर गए हैं। ऐसा कम से कम 600 बार हुआ है। ऐसा क्या सीक्रेट था? राजनाथ जी को तो लंबे समय तक सुरक्षाकर्मी टॉयलेट तक छोड़ते रहे हैं।
क्या कहा कांग्रेस ने : विपक्षी दल कांग्रेस मनीष तिवारी ने सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्रियों तथा उनके परिवारों को विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) सुरक्षा के नियमों में राजनीतिक कारणों से बदलाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एसपीजी सुरक्षा खतरे के आकलन के आधार पर दी जानी चाहिए तथा सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को यह सुरक्षा आजीवन मिलनी चाहिए।
विशेष सुरक्षा दल (संशोधन) विधेयक, 2019 पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए तिवारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पद से हटने के बाद तत्कालीन सरकार ने उनकी एसपीजी सुरक्षा समाप्त कर जो गलती की थी उसके परिणाम स्वरूप एक आतंकवादी हमले में उनकी जान गई। उस समय की सरकार ने तर्क दिए थे कि एसपीजी के पास इतने जवान तथा इतनी क्षमता नहीं है कि वह इतनी बड़ी संख्या में विशेष लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार भी आज वही तर्क देकर नियमों में बदलाव करना चाहती है। तिवारी ने कहा कि एसपीजी ने जून 2019 तक पत्र लिखकर स्वर्गीय राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल को बार-बार पत्र लिखकर आगाह किया कि उनकी जान को खतरा बढ़ रहा है।
ऐसे में इन पांच महीनों में ऐसा क्या बदल गया कि पहले बिना कानूनों बदलाव किए ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, श्रीमती गांधी और राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई।
विधेयक में प्रावधान किया गया है कि एसपीजी सुरक्षा सिर्फ पदासीन प्रधानमंत्री और उनके आधिकारिक आवास में उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों तथा पद से हटने के बाद पांच साल तक पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके आधिकारिक आवास में उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों को दी जाएगी।