पटना। पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से प्रदेश में अब तक 119 लोगों की मौत हो जाने के साथ बाढ़ से 15 जिलों की 98 लाख आबादी प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेतिया पश्चिम चम्पारण जिले में आई बाढ़ के उपरांत जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को गोपालगंज, बगहा, बेतिया, रक्सौल तथा मोतिहारी का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने बेतिया हवाई अड्डा स्थित हेलीपैड पर पश्चिम चम्पारण जिले में आई बाढ़ के उपरांत जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण में फ्लैश फ्लड के चलते तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य तीव्र गति से चलाने एवं हर जरूरतमंद लोगों को त्वरित मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। उन्होंने बेतिया नगर भवन स्थित इनडोर स्टेडियम पहुंचकर वहां बाढ़ पीड़ितों के लिए तैयार किए जा रहे फूड पैकेट कार्य का भी निरीक्षण किया और वरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, वन एवं पर्यावरण प्रधान सचिव सह प्रभारी सचिव पश्चिम चम्पारण विवेक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, जिलाधिकारी बेतिया डॉ. नीलेश देवरे, पुलिस अधीक्षक बेतिया विनय कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के निर्देश पर सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, बेतिया एवं मोतिहारी के जिलाधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार अमृत ने आज बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रदेश के 16 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा एवं खगड़िया में से सबसे अधिक 23 लोग अररिया में, सीतामढ़ी में 12, किशनगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण एवं सुपौल में 11—11 यानि 44, मधुबनी एवं कटिहार में 7—7, मधेपुरा एवं पूर्णिया में 5—5, दरभंगा एवं सहरसा में 4—4, खगड़िया एवं गोपालगंज में 3—3 तथा शिवहर में 2 व्यक्ति की मौत हुई है।
इससे पूर्व आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के दक्षिणी इलाके में अगले एक हफ्ते तक बारिश की संभावना जतायी गई है, पर पड़ोसी देश नेपाल और उत्तर बिहार में कम बारिश होने के आसार हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। अब तक 3.59 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 504 राहत शिविरों में 2.13 लाख व्यक्ति शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 3.19 लाख बाढ़ पीड़ितों के लिए कुल 1112 सामुदायिक रसोई संचालित की गई हैं।
प्रत्यय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित सभी घरों को खाद्य सामग्री के पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं। प्रत्येक पैकेट में पांच किलोग्राम चावल, एक किलोग्राम दाल, दो किलोग्राम आलू, हल्दी और नमक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रत्येक खाद्य सामग्री के पैकेट में 2.5 किलोग्राम चूड़ा, चीन अथवा गुड़, पानी को साफ रखने के टेबलेट और ओआरएस पाउडर भी मौजूद है।
प्रत्यय ने बताया कि खाद्य सामग्री पैकटों की कल से एयर ड्रापिंग किए जाने के साथ ऐसे इलाके जहां पानी घटा है, वहां मुखिया और पूर्व मुखिया की उपस्थिति में पंचायत भवनों के जरिए इसका वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की 114, एसडीआरएफ की 92 तथा सेना की 70 नौका बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हुई हैं।
इस अवसर पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने बताया कि जरूरतमंदों के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में नौका एम्बुलेंस चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने एक टोल फ्री नंबर 104 जारी किया है, जिस पर स्वास्थ्य से संबंधी कोई भी सहायता प्राप्त की जा सकती है।
महाजन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के सभी प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य अस्पतालों को सांप और एंटी रैबीज इंजेक्शन का पर्याप्त स्टाक रखने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह निर्देश दिया गया है कि जहां भी चिकित्सकों की कमी महसूस की जाए वहां प्रशासन भुगतान कर निजी चिकित्सकों की सेवा ले सकते हैं।
शिक्षा विभाग के भी प्रधान सचिव के पद पर तैनात महाजन ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर कल से शुरू होने वाली बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर की परीक्षा को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इस मौके पर मौजूद पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा ने बताया कि बाढ़ के कारण 124 सड़कें जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य उच्च पथ क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक सड़कों को नुकसान पूर्णिया जिले में हुआ है। पूर्णिया एवं किशनगंज के बीच चार लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 की मरम्मत कर चालू कर दिया गया है।
इस अवसर पर मौजूद ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव बिपिन कुमार ने बताया कि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अररिया में 222 तथा किशनगंज में 219 चापाकलों को कीटाणुमुक्त किया गया है।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव विजय लक्ष्मी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में मवेशियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 50 एम्बुलेंस कार्यरत हैं तथा 196 पशु चिकित्सकों की तैनाती की गई है। (भाषा)