जम्मू। पाकिस्तान से सटी 814 किमी लंबी एलओसी पर रहने वाले लोगों के लिए यह दोहरी मुसीबत कही जा सकती है कि एक तो कोरोना की दहशत में वे मुसीबतों से घिरे हैं और दूसरी ओर पाक सेना गोलों की बरसात किए जा रही है।
इतना जरूर था कि राजौरी, पुंछ तथा बारामुल्ला के उड़ी के कई सेक्टरों में भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई कर पाक सेना को जो क्षति पहुंचाई है उसमें उसके दर्जन भर पाक जवानों के मारे जाने की खबर है। कई आतंकी पैडों व सीमा चौकिओं को भी नेस्तनाबूद करने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक, पाक सेना तोपखानों का इस्तेमाल कर रही है और उसे बराबर के हथियार से जवाब दिया गया है।
राजौरी, पुंछ तथा बारामुल्ला के उड़ी के कई सेक्टरों में एलओसी से सटे कई गांवों में पाकिस्तान द्वारा दागे गए गोलों के गिरने के बाद दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। कल एक 12वीं कक्षा के छात्र की मौत भी हो गई थी।
हालांकि भारतीय सीमाओं की रक्षा में तैनात जवानों ने पाकिस्तान की इस गुस्ताखी का मुंहतोड़ जवाब दिया, नतीजतन पाकिस्तान ने कुछ घंटों बाद गोलाबारी बंद कर दी। फिलहाल सीमा पर रूक-रूक गोलाबारी हो रही है परंतु अभी तक हुई गोलाबारी में नुकसान की जानकारी नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि भारतीय जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी चौकियों व बंकरों को काफी नुकसान पहुंचा है। शायद यही वजह रही कि करीब एक घंटे बाद गोलाबारी में कमी आई। पाकिस्तान की ओर से रिहायशी इलाकों को निशाना बनाना बंद कर दिया। इस गोलाबारी में क्या नुकसान हुआ है, अभी तक इस बारे में दोनों और से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने पहले कल रात पुंछ तथा राजौरी के सेक्टरों में और आज उड़ी के हाजीपीर सेक्टर में सीधा रिहायशी इलाकों को निशाना बनाते एकाएक गोलाबारी शुरू कर दी। गांव में गोले गिरने के बाद लोगों में अफरा-तफरी फैल गई। डर के मारे लोग अपने घरों में ही दुबके रहे और बाहर नहीं निकले।
वहीं एलओसी पर तैनात जवानों ने भी इस गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान सीमा से जिस ओर से गोलाबारी की जा रही थी, भारतीय जवानों ने उनकी चौकियों को निशाना बनाते हुए गोले दागे।