Cyclone Biparjoy: भीषण तूफान और तेज बारिश के बीच ओखा बंदरगाह पर एक कोयले के ढेर में आग लगने से लपटें उठने लगीं। दूसरी ओर, तेज हवाओं और भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालांकि 1 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
तटीय गुजरात के साथ द्वारका, ओखा, नलिया, भुज, पोरबंदर और कांडला में बृहस्पतिवार सुबह से भारी बारिश हो रही है। तटीय इलाकों में 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की तेज हवाएं भी चल रही हैं। तूफानी हवाएं और बारिश तट को नुकसान पहुंचा रही हैं। अगले पांच घंटे कच्छ और सौराष्ट्र के लिए भारी बताए जा रहे हैं।
सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में भी तूफान का भयानक असर देखने को मिला है। आंधी के कारण चल रही हवाओं के कारण ओखा बंदरगाह पर रखे कोयले के ढेर में आग लग गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि आग तेज हवा के कारण कोयले के घर्षण के कारण लगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक ओर ओखा बंदरगाह पर तूफान के कारण ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं वहीं दूसरी ओर कोयले के ढेर में आग गई।
तीन लोग घायल : चक्रवात बिपारजॉय के गुजरात में कच्छ के तट से टकराने के बाद तेज हवाएं चलने के कारण देवभूमि द्वारका जिले में कई पेड़ उखड़े गए। इनकी चपेट में आकर तीन लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कच्छ जिले के जखाऊ और मांडवी कस्बों के पास कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, जबकि घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली टिन की चादरें उड़ गईं।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि शाम सात बजे तक चक्रवात संबंधी घटनाओं के कारण मौत की कोई खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि देवभूमि द्वारका जिले में पेड़ गिरने से तीन लोगों को चोटें आई हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। गुजरात पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सेना के दल द्वारका के अलग-अलग हिस्सों में उखड़े पेड़ों और बिजली के खंभों को हटाने का काम कर रहे हैं।
इससे पहले, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार शाम को कहा कि गुजरात तट पर चक्रवात बिपारजॉय ने शाम 4.30 बजे दस्तक दी और इसके टकराने की प्रक्रिया मध्यरात्रि तक पूरी होगी। आईएमडी ने कहा कि तटीय गुजरात के साथ द्वारका, ओखा, नलिया, भुज, पोरबंदर और कांडला में बृहस्पतिवार सुबह से भारी बारिश हो रही है। तटीय इलाकों में 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की तेज हवाएं भी चल रही हैं। (वेबदुनिया/एजेंसी)
Edited by: Vrijendra Singh Jhlaa