जम्मू। कश्मीर में पत्थरबाजों को रोकने के लिए सेना द्वारा ढाल बनाए गए फारुख अहमद डार को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक, सेना की गाड़ी के बोनट पर ढाल के रूप में बंधने से पहले उसने चुनाव में वोट डाला था। बता दें कि डार की इसी साल अप्रैल में श्रीनगर में उपचुनाव के दौरान यह तस्वीरें वायरल हुई थीं।
पुलिस द्वारा की गई जांच में कहा गया है कि फारुख डार ने अपने गांव के करीबी पोलिंग बूथ पर जाकर वोटिंग किया था। वोटिंग के बाद वो फारुख हिलाल अहमद मैगेरी के साथ गमपोरा में एक शोकसभा में शामिल होने जा रहा था। मामले की जांच कर रही बडगाम जिले की पुलिस ने इसकी पुष्टि की है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पथराव के दौरान सेना के जवानों ने अहमद डार को पकड़ लिया और उसे इंसानी ढाल के रूप में गाड़ी के बोनट पर बांध दिया। उसे अनुचित रूप से बंधक बनाया गया और इलाके में परेड कराई गई। यह भी बताया गया है कि डार 2014 लोकसभा चुनाव में भी वोट डाला था।
9 अप्रैल को हुई इस घटना के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। वीडियो में सेना की गाड़ी पर एक शख्स बंधा हुआ था और उसके सीने पर एक बोर्ड लगा था। जिस पर लिखा था कि पत्थरबाजों का यही हाल होगा। यहां हुई हिंसा की वजह से उपचुनाव में केवल 7.1 फीसदी मतदान हो सका था।
डार को ढाल बनाए जाने पर देश में दो पक्ष तैयार हो गया था। वित्तमंत्री जेटली ने कहा था कि युद्ध जैसे हालात में सेना को किसी भी तरह का फैसला लेने का अधिकार होना चाहिए। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी डार को बांधने वाले मेजर लितुल गोगोई का बचाव करते हुए तारीफ की थी। यही नहीं सेना द्वारा मेजर को सम्मानित भी किया गया था।