नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर को मुद्दे को मिल-बैठकर सुलझाना चाहिए। इस मामले को कोर्ट में नहीं जाना चाहिए।
नेकां नेता ने कहा कि इस मुद्दे को कोर्ट में ले जाने के बजाय सभी पक्ष मिलकर बातचीत के जरिए सुलझा सकते हैं। मुझे पूरा विश्वास यह मुद्दा बातचीत के जरिए सुलझ सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान राम तो पूरी दुनिया के हैं, वे सिर्फ हिन्दुओं के ही नहीं हैं।
अब्दुल्ला ने कहा कि राम से किसी को भी बैर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस दिन राम मंदिर मुद्दे का समाधार हो जाएगा, मैं स्वयं वहां ईंट लगाने जाऊंगा।
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर 10 जनवरी तक के लिए सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए एक नई पीठ बनाने का आदेश भी दिया है। गौरतलब है कि हिन्दू संगठन सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि राम मंदिर का निर्माण कानून बनाकर किया जाना चाहिए, जबकि मोदी एक साक्षात्कार में कह चुके हैं कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करेंगे।