नई दिल्ली। स्वराज इंडिया, जय किसान आंदोलन और रेथु स्वराज वेदिका ने मोदी सरकार पर अब तक की सबसे बड़ी किसान विरोधी सरकार होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि उसे किसानों से किए गए वादे पूरे करने चाहिए तथा उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से एक स्थाई आयोग गठित करना चाहिए।
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव, जय किसान आन्दोलन के संयोजक अविक साहा तथा वेदिका के प्रमुख किरण विस्सा ने यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव सभाओं में अनेक अवसरों पर किसानों की फसल लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का वादा किया था।
बाद में सरकार ने किसानों से जुड़े एक मामले में उच्चतम न्यायलय में शपथ पत्र दाखिल कर कहा कि ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय का आकलन करने के लिए सरकार को एक स्थाई आयोग का गठन करना चाहिए, जो समय-समय पर उनके हित में अपनी सिफारिश दे।
तीनों नेताओं ने कृषि को लेकर सरकार के पिछले चार बजट में किए गए प्रावधानों पर 'ग्रीन पेपर' जारी किया और कहा कि कृषि और किसान गंभीर संकट के दौर से गुजर रहे हैं, यह देखते हुए यह लेखा-जोखा जारी किया गया है, ताकि सरकार इस संबंध में उचित ध्यान दे और पर्याप्त आवंटन करे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद चालाकी से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वार्षिक वृद्धि दर को पहले की तुलना में कम कर दिया। इसके साथ ही राज्यों पर दबाव बनाकर एमएसपी पर बोनस समाप्त करा दिया। (वार्ता)