नवीन रांगियाल और ईशु शर्मा की रिपोर्ट
-
स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और CMHO ने आज तक लिया ही नहीं एक भी चीज़ का सेंपल
-
इंदौर की खाऊ गलियों में आपकी हर डिश प्लेट में परोसा जा रहा स्वास्थ्य के लिए घातक सस्ता मोज़रैला
-
जिम्मेदारों को नहीं होश,वेबदुनिया की पड़ताल के बाद बोले अब लेंगे चीज़ का सेंपल
-
असली चीज़ नहीं, 130 रुपए का ढाई किलो मोज़रैला खा रहे इंदौरी
Use of fake cheese in Indore : इंदौर में कोई धंधा चले न चले, खाने पीने के ठियों पर इफरात में भीड़ टूटती है। यहां खाऊ गली की तादात बढ़ती जा रही है। कहा जा रहा है कि इंदौरी एक वक्त का खाना इन खाऊ गलियों में ठियों पर ही खाते हैं। हालांकि इनमें से स्वाद का चटकारा लेने वालों में से ज्यादातर को नहीं पता कि वे कितना और कौनसा नकली माल खा रहे हैं।
Fake cheese is spoiling health in Indore : इन दिनों इंदौर में हर तरह के फूड आयटम पर जो सबसे ज्यादा परोसा जा रहा है, वो है सस्ता या नकली चीज़ है। ये नकली चीज़ 28 लाख इंदौरियों के पेट से लेकर हार्ट तक का कबाड़ा कर रहा है। इंदौर जैसे बड़े शहर में नकली चीज़ के इस्तेमाल को लेकर वेबदुनिया ने जो इनडेफ्थ पड़ताल की उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। चीज़ के नाम पर 28 लाख इंदौरवासियों की सेहत के साथ जानलेवा खिलवाड़ हो रहा है।
बेखबर स्वास्थ्य विभाग : दिलचस्प बात यह है कि गली-मोहल्ले में जो नकली चीज़ खिलाया जा रहा है, उसका आज तक कोई सेंपल नहीं लिया गया। खाद्य की गुणवत्ता जांचने के लिए जो (विभाग खाद्य सुरक्षा विभाग, नगर निगम और सीएमएचओ) जिम्मेदार हैं उन्होंने जिस तरह से इन तथ्यों पर अपनी अनभिज्ञता जाहिर की वो हैरान करने वाली है। वेबदुनिया के रिपोर्टर ने जब कस्टमर बनकर चीज़ सप्लायरों से बात की तो नकली चीज़ को लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। खाने पीने के लिए जाने जाने वाले इंदौर में कई लोग बाहर से आते हैं और स्वाद का लुत्फ उठाते हैं, ऐसे में पड़ताल में जो सामने आया है उसकी गंभीरता को देखते हुए इंदौर प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करना चाहिए।
चीज़ नहीं, सस्ता मेयोनिज खा रहे हैं आप
वेबदुनिया ने इंदौर में चल रहे सस्ते और नकली चीज़ के धंधे की हकीकत जानने के लिए कुछ सप्लायर्स से कस्टमर बनकर बात की। इस पड़ताल में सामने आया कि इंदौर में बहुत ही कम या न के बराबर असली चीज़ का इस्तेमाल हो रहा है। एक सप्लायर्स ने मोहित भाटिया (बदला हुआ नाम) बताया कि अमूल का चीज़ कोई अफोर्ड ही नहीं कर पाता, यह बहुत महंगा पड़ता है। सप्लायर्स ने हमें कस्टमर मानकर सस्ते चीज़ का विकल्प बताया। उसने हमें सॉस चीज़ के बारे में जानकारी दी, जो समोसे, मैगी, सैंडविच से लेकर तमाम चीजों में मेयोनिज की तरह इस्तेमाल किया जाता है। यह मेदा, बटर, दूध से बनता है। यह थोक भाव में करीब 190 रुपए प्रति किलो आता है, वहीं, मोज़रैला ढाई किलो सिर्फ 130 रुपए में आता है। यह सबसे ज्यादा पित्जा में इस्तेमाल किया जाता है। जबकि अमूल का एक किलो 500 रुपए में मिलता है।
सुबोध मालकर (बदला हुआ नाम) ने बताया कि मोज़रैला चेडर या मिक्स चीज़ सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। अंदाजा लगा सकते हैं कि दुकान, रेस्टोरेंट और ठेलों पर कौनसा चीज़ खिलाया जा रहा है। हर जगह यह सस्ता चीज़ इस्तेमाल हो रहा है जो बहुत घातक है। खराब बात है कि कई जगह खुला चीज़ बेचा जा रहा है। सुबोध ने बताया कि नोएडा में नकली चीज़ बनाने की फैक्टी है, जहां से कई सप्लायर्स देशभर नकली चीज़ और बटर सप्लाय करने का काम करते हैं।
क्या है नकली चीज़ का गणित : ढाई किलो मोज़रैला चीज़ के होलसेल भाव करीब 130 रूपए हैं। 1 किलो सौस चीज़ 190 रूपए है और अमूल ब्रांड का साधारण चीज़ 500 रूपए किलो है। 69 के पिज़्ज़ा में अधिकतर मोज़रैला चीज़ डाला जाता है जिसका कोई स्वाद नहीं होता है और यह सस्ता भी है। पित्जा में सबसे ज्यादा मोज़रैला चीज़ या मिक्स चीज़ इस्तेमाल किया जाता है। मिक्स चीज़, मोज़रैला और चेडर को मिलाकर बनाया जाता है। सौस चीज़ का इस्तेमाल पराठों में या सैंडविच में मेयोनीज की तरह क्या जाता है। यह शुद्ध चीज़ नहीं है, इसमें बटर, दूध और मैदा मिलाया जाता है। इंदौर के मार्केट में सबसे ज्यादा मोज़रैला चीज़ की डिमांड है।
जिम्मेदारों की लापरवाही देखिए : आज तक नहीं लिया चीज़ का सेंपल
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि इंदौर में चीज़ को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं, हमने इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की योजना बनाई है। यह सही बात है कि अब तक चीज़ का कोई सेंपल नहीं लिया गया, लेकिन अब मुहिम चलाएंगे, सेंपल लेंगे और कार्रवाई करेंगे।
नगर निगम का रोल : इन पर कैसे करें कार्रवाई?
नगर निगम इंदौर के हेल्थ ऑफिसर डॉ अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि यूं तो इंदौर में कई फूड स्ट्रीट हैं। जो बड़ी फूड स्ट्रीट हैं, वे करीब 10 होंगी। इनमें स्कीम नंबर 140, भोलाराम उस्ताद मार्ग, मेघदूत, 56 दुकान और सराफा आदि है। जो जगह- जगह फूड स्ट्रीट बन गई हैं, इनसे नगर निगम कोई वसूली नहीं करता, और न ही निगम की तरफ से कोई अनुमति दी जाती है। इनसे हमें कोई फायदा नहीं, निगम बस इनसे होने वाले कचरे का निर्धारण करवाता है। डॉ उपाध्याय ने बताया कि इन्हें हटाना भी मुश्किल है, क्योंकि एक तरफ लोगों की जरूरत है तो वहीं हजारों लोगों की कमाई और रोजी रोटी इनसे चलती है।
अब तक सेंपल ही नहीं लिया : स्वास्थ्य विभाग में सीएमएचओ बीएल सेतिया ने बताया कि हमने अब तक चीज़ के सेंपल नहीं लिए। आप कह रहे हैं तो अब हम चीज़ के सेंपल भी लेंगे, हालांकि हम रैंडम सेंपल लेते हैं। समय- समय पर कार्रवाई भी करते हैं। इसमें हम खाद्य सुरक्षा विभाग की मदद करते हैं।
हार्ट के लिए खतरनाक है ये नकली चीज़ – क्या कहते हैं डॉक्टर
इंदौरियों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा रहा नकली चीज़ : अपोलो हॉस्पिटल इंदौर में जाने- माने कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ अखिलेश जैन ने बताया कि चीज़ हार्ट के लिए बहुत खतरनाक है। ये डेयरी प्रोडक्ट में आता है और इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में फैट होता है। किसी भी तरह का फैट दिल के लिए घातक है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाता है। यह बेहद खराब बात है कि इंदौर में हर खाद्य पदार्थ में चीज का इस्तेमाल हो रहा है।
एसिडिटी, गैस, मोटापा, हार्ट का कबाड़ा : डॉ. प्रीति शुक्ला ने बताया कि इन प्रोडक्ट्स में हाई कैलोरीज और फैट होने के कारण डाइजेशन की समस्या होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इतने फैट को डाइजेस्ट करने के लिए हमारी इंटेस्टाइन ठीक से काम नहीं कर पाती है। इसके अलावा ये फास्ट फूड, गट के बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। इसके अलावा शरीर में इन्फ्लेमेशन बढ़ने लगता है। यह इन्फ्लेमेशन, गट हेल्थ पर असर डालता है। जिससे एसिडिटी, गैस, खट्टी डकार, मोटापा, हार्ट कमजोर होना और जल्दी हांफने जैसी दिक्कतें होने लगती हैं।
1134 में एक भी सेंपल चीज़ का नहीं!
1134 में 158 सेंपल फेल : इंदौर में मिलावटी खाद्य सामग्री के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान और कार्रवाई के बाद भी इसमें खास कमी नहीं आ रही है। पिछले साल 2023 में इंदौर जिन 1134 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए, उनमें 158 सैंपल जांच में फेल पाए गए। इनमें सभी तरह के खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
91 मामले कोर्ट में गए : 2023 में कुल 91 मामलों को कोर्ट में पेश किया गया, इनमें से अब 61 में फैसला आया है और सभी 61 दोषी पाए गए हैं। वहीं शेष 30 पर अभी फैसला आना है। इन मामलों में कुल 70 लाख का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 16.40 लाख की वसूली की गई।
चीज़ ऐसे कर रहा हेल्थ का कबाड़ा: एसिडिटी, गैस, खट्टी डकार, मोटापा, हार्ट प्रॉब्लम, चलते हुए हांफ जाना और फेफडों से संबंधी दिक्कतें दे रहा है।
किनमें परोस रहे नकली चीज़-बटर: मस्काबन, पाव भाजी, सैंडविच, पित्जा-बर्गर, गार्लिक ब्रेड, पास्ता ब्रेड बटर, बटर खिचड़ी, मैगी और पराठे।