Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

फेसबुक के भारत प्रमुख से पूछताछ, करीब 90 सवालों का लिखित में मांगा जवाब

हमें फॉलो करें फेसबुक के भारत प्रमुख से पूछताछ, करीब 90 सवालों का लिखित में मांगा जवाब
, गुरुवार, 3 सितम्बर 2020 (07:37 IST)
नई दिल्ली। फेसबुक के कथित पक्षपात को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच इस सोशल मीडिया मंच के भारत प्रमुख अजीत मोहन से बुधवार को एक संसदीय समिति ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की। समिति में भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने फेसबुक पर सांठगांठ करने और विचारों को प्रभावित करने का आरोप लगाया, जिसका कंपनी ने खंडन किया।
 
भाजपा के सदस्यों ने फेसबुक के कर्मचारियों के कथित राजनीतिक संबंधों को लेकर सवाल उठाए और दावा किया कि कंपनी के कई वरिष्ठ अधिकारी कांग्रेस और उसके नेताओं के लिए अलग अलग तरीकों से काम कर चुके हैं, जबकि विपक्षी सदस्यों ने पूछा कि घृणा भाषण वाले वीडियो और सामग्री अब भी ऑनलाइन उपलब्ध क्यों है? तथा सोशल मीडिया कंपनी ने इन्हें हटाया क्यों नहीं?
 
सूत्रों ने बताया कि मोहन से समिति के सत्तारूढ़ और विपक्षी सदस्यों ने पूछताछ की। मोहन ने कुछ सवालों का मौखिक जवाब दिया, जबकि उन्हें तकरीबन 90 सवाल दिए गए हैं जिनका जवाब उन्हें लिखित में देना है।
 
सूत्रों के मुताबिक, 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की केरल इकाई और संप्रग सरकार से मोहन के जुड़ाव के बारे में सवाल किए गए, जिसपर उन्होंने कहा कि वह एक पेशेवर के तौर पर पार्टी से जुड़े थे ना कि किसी राजनीतिक हैसियत से।
 
भाजपा सांसदों ने यह भी आरोप लगाया कि फेसबुक के लिए तथ्यों की जांच करने वाले तीसरे पक्ष की कंपनियों में उन लोगों का प्रभुत्व है जो वामपंथी विचारधारा का अनुसरण करते हैं या कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं। भगवा दल के सांसदों ने सोशल मीडिया कंपनी और तथ्यों की जांच करने वाली उसकी साझेदार कंपनी के शीर्ष प्रबंधन में शामिल कई कर्मियों के नामों का हवाला दिया।
 
सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक कर्मी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कंपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है और उसके यहां एक तंत्र है जिसमें नियमों का पालन किया जाता है और कार्रवाई की जाती है।
 
बैठक में मौजूद सूत्र ने बताया, 'फेसबुक से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। कांग्रेस ने लेख और भाजपा तथा फेसबुक के बीच कथित सांठगांठ का मुद्दा उठाया। फेसबुक के नुमाइंदे ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वे पोस्ट की रिपोर्ट करने के लिए वैश्विक मानकों का अनुसरण करते हैं। उन्होंने भाजपा के साथ सांठगांठ के आरोप का भी खंडन किया।'
 
सुनवाई के बाद, फेसबुक कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'हम माननीय संसदीय समिति के समय देने के लिए शुक्रगुजार हैं। हम खुद को एक खुला और पारदर्शी मंच बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही लोगों को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति और उनकी आवाज उठाने की अनुमति देते रहेंगे।'
 
समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, 'सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक को लेकर मीडिया की रुचि को देखते हुए मैं बस इतना कह सकता हूं, हमने करीब साढ़े तीन घंटे बैठक की और इस मामले पर बाद में चर्चा जारी रखने पर सर्वसम्मति से सहमति बनी, जिसमें फेसबुक के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।' (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत-चीन सीमा विवाद पर अमेरिकी विदेश मंत्री का बड़ा बयान