नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का रखरखाव निजी कंपनियों के इंजीनियरों द्वारा कराए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को निर्वाचन आयोग को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। न्यायालय ने हालांकि इस मामले में औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है।
न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने पत्रकार आशीष गोयल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग से रुख स्पष्ट करने को कहा। याचिककर्ता ने इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने की मांग की है।
याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए न्यायालय ने याचिकाकर्ता को याचिका की एक प्रति आयोग के वकील को उपलब्ध कराने को कहा। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि ईवीएम के रखरखाव में चुनाव आयोग निजी कंपनियों के इंजीनियरों का इस्तेमाल करता है, जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए और सिर्फ सरकारी अधिकारियों को ही इसके रखऱखाव की इजाजत दी जानी चाहिए।
वहीं अब तक जितने ईवीएम का निर्माण हुआ है, उनकी संख्या चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में बताई गई संख्या से कहीं ज्यादा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव आयोग से यह पूछा जाना चाहिए कि इतनी बड़ी संख्या में ईवीएम कहां चले गए। (वार्ता)