आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में प्रसिद्ध वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में 1 मार्च से श्रद्धालुओं को दर्शन 'फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम' (facial recognition system) द्वारा कराए जाएंगे। मंदिर को एक इंडिपेंडेंट ट्रस्ट 'तिरुमला तिरुपति देवस्थानम' (TTD) के द्वारा संचालित किया जाता है। इस ट्रस्ट ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम दर्शन करने आए श्रद्धालुओं एवं उनकी रहने की व्यवस्था की सेवाओं में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।
ट्रस्ट का ऐसा मानना है कि वे इस टेक्नोलॉजी के जरिए लाखों-करोड़ों भक्तों को बेहतर सेवाएं मुहैया करवा सकेंगे। वेबसाइट में बताया गया है कि यह फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम वैकुंठम 2 और AMS सिस्टम पर एक्सपेरिमेंटल रूप में इसे इंट्रोड्यूज किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को बिना टोकन के दर्शन और उन्हें दिए गए आवासीय अलॉटमेंट में पारदर्शिता ला सकें।
बता दें कि तिरुमला ट्रस्ट के जरिए 7000 लोगों की रहने की व्यवस्था यानी अकॉमोडेशन सेवा मुहैया करवाता है जिसमें से 1000 रिजर्वेशन के अंतर्गत आते हैं। विश्व के सबसे अमीर मंदिर की नेटवर्थ का सन् 1933 के बाद साल नवंबर 2022 में TTD के द्वारा खुलासा किया गया। मंदिर का नेटवर्थ 2.5 लाख करोड़ रुपए सामने आया है।
'तिरुमला तिरुपति देवस्थानम' ट्रस्ट आंध्र प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है। इस ट्रस्ट के प्रमुख का चयन आंध्र प्रदेश सरकार के द्वारा किया जाता है। तिरुपति बालाजी के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर की कमाई को आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा उपयोग किया जाता है। Edited By : Chetan Gour