नई दिल्ली। मोदी सरकार ने सोमवार को लोकसभा में चुनाव सुधार बिल (Electoral Reforms Bill) को पेश किया। विपक्ष के हंगामें के बीच सदन ने बिल पास कर दिया। तृणमूल कांग्रेस ने भी सदन में बिल का समर्थन किया।
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद चुनावों में धांधली रुकेगी। बिल पेश करते सरकार ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने की वकालत की। हालांकि विपक्ष ने इसे निजता का उल्लंघन करार दिया।
5 राज्यों के चुनाव से ठीक पहले पेश हुए बिल को अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा से पास होने के बाद बिल राष्ट्रपति के पेश मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा।
बिल के जरिए जन प्रतिनिधि कानून 1950 और जन प्रतिनिधि कानून 1951 में बदलाव किया जाएगा। इसे चुनाव सुधारों की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
बिल से क्या बदलेगा : नया कानून बनने के बाद चुनावों में धांधली रोकने में मदद मिलेगी। कानून बनने के बाद लोगों को वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के लिए हर तीन महीने पर एक बार मौका मिलेगा। नए कानून के तहत महिला सैन्यकर्मी के पति को भी पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान का अधिकार मिलेगा।