Cyclone Biparjoy: गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के निकट शक्तिशाली चक्रवात बिपरजॉय के संभावित आगमन से दो दिन पहले अधिकारियों ने मंगलवार को तटीय क्षेत्रों से 21 हजार लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित कर दिया। इस बीच, गिर सोमनाथ के सूत्रपाड़ा में समुद्र की लहरों का पानी लोगों के घरों में भर गया। कई स्थानों पर तेज हवाएं और पानी भी बरस रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की कई टीम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि निकासी की प्रक्रिया अभी भी जारी है और सभी लक्षित आबादी को मंगलवार शाम तक सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया जाएगा।
ज्यादा नुकसान की आशंका : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार चक्रवात बिपरजॉय से व्यापक क्षति होने की आशंका है और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि अब तक चक्रवात से संबंधित एक मौत दर्ज की गई है।
राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि हमने उन तटवर्ती इलाकों के निकट रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहले ही शुरू कर दिया है, जिनके चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है। अभी तक विभिन्न जिला प्रशासनों ने करीब 21000 लोगो को अस्थायी आश्रय स्थलों पर पहुंचाया गया है। पांडे ने कहा कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया अभी जारी है।
तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना : अहमदाबाद आईएमडी की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच पार करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मोहंती ने कहा कि चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है। इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी।
उन्होंने कहा कि समुद्र के अशांत होने और आने वाले चक्रवात के कारण क्षेत्र में अत्यधिक भारी वर्षा के मद्देनजर मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक निलंबित कर दिया गया है, बंदरगाह बंद हैं। मोहंती ने कहा कि समुद्र 14 जून तक बहुत अशांत रहेगा, 15 जून को इसका स्तर और बढ़ जाएगा।
21000 लोग राहत शिविरों में : पांडे ने कहा कि 21,000 लोगों में से कच्छ जिले से करीब 6,500, देवभूमि द्वारका से 5,000, राजकोट से 4,000, मोरबी से 2,000, जामनगर से 1,500 से अधिक, पोरबंदर से 550 और जूनागढ़ जिले से 500 लोगों को निकाला गया।
उन्होंने बताया कि चक्रवात से जुड़ी एक घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पांडे ने बताया कि सोमवार को राजकोट जिले के जसदण तालुका में तेज हवाओं के कारण राज्य राजमार्ग पर एक मोटरसाइकिल पर पेड़ गिरने से वर्षा बावलिया नाम की एक महिला की मौत हो गई और उसका पति घायल हो गया। पांडे ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो।
उन्होंने बताया कि बचाव अभियान दो चरणों में शुरू किया गया है और सबसे पहले समुद्र तट से 5 किलोमीटर तक की दूरी पर रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद तट से 5 से 10 किलोमीटर की दूरी पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा और इस दौरान बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सरकार ने कहा है कि प्रभावित जिलों देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 17 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 12 टीम पूरी तरह तैयार हैं।
पश्चिम रेलवे ने कहा कि उसने एहतियात के तौर पर भुज और गांधीधाम जाने वाली तीन ट्रेन को रद्द कर दिया है, 30 ट्रेनों को गंतव्य से पहले रोक दिया है और 25 अन्य ट्रेन के कार्यक्रम में भी बदलाव किया गया है।
50 कर्मचारियों को निकाला : इस बीच, भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने चक्रवात बिपारजॉय के असर से खराब मौसम के बीच रातभर चले अभियान के तहत द्वारका तट से 40 किलोमीटर दूर तेल निकालने के लिए समुद्र पर बनाए गए प्लेटफॉर्म (ऑइल रिग) से 50 कर्मचारियों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
आईसीजी ने एक बयान में कहा कि भारतीय तटरक्षक क्षेत्र उत्तरपश्चिम ने आईसीजी एएलएच विमान तथा शूर पोत से ऑइल रिग की सिंगापुर से 50 कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला।
जखाऊ बंदरगाह पर सन्नाटा : गुजरात के व्यस्ततम बंदरगाहों में से एक जखाऊ बंदरगाह सुनसान पड़ा है, समुद्र अशांत है, तेज हवाएं चल रही हैं और भारी बारिश हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि मछली पकड़ने वाली सैकड़ों नावों को तट पर लाया गया है और उन्हें प्रकृति के आसन्न प्रकोप से बचाने की उम्मीद में कतारों में खड़ा कर दिया गया है।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात की चेतावनी के बाद से कांडला में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बंदरगाह पर नौवहन गतिविधियां बंद कर दी गई हैं और श्रमिकों सहित लगभग 3000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से निलंबित कर दिया गया है।
5 केन्द्रीय मंत्री मोर्चे पर : गुजरात से कुल 5 केंद्रीय मंत्री बचाव और निकासी उपायों में राज्य प्रशासन के साथ मदद और समन्वय के लिए विभिन्न जिलों में पहुंचे। राहत और बचाव कार्यों के लिए राज्य प्रशासन के साथ समन्वय करने के लिए केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, पुरुषोत्तम रूपाला, दर्शना जरदोश, देवुसिंह चौहान और महेंद्र मुंजापारा प्रभावित जिलों में गए।
मांडविया ने कहा कि राशन और भोजन की व्यवस्था के साथ आश्रय गृह स्थापित किए जा रहे हैं वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। मांडविया ने कहा कि बंदरगाहों पर काम करने वाले सभी मजदूरों को वहां से हटा दिया गया है, जहाजों के लंगर डाल दिए गए हैं और चालक दल के सदस्यों को भी सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। (भाषा/वेबदुनिया)