नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय Yes Bank के कर्ज खातों को खंगाल रहा है। वह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि बैंक ने औद्योगिक घरानों को करोड़ों रुपए के ऐसे कितने कर्ज दिए हैं जो बाद में गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) में परिवर्तित हो गए। बैंक के गिरफ्तार प्रवर्तक राणा कपूर के खिलाफ जारी धनशोधनरोधी जांच के तहत बैंक के ऐसे खातों का पता लगाया जा रहा है।
अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। Yes Bank से डीएचएफएल को दिए गए कर्ज के अलावा अब खातों में कपूर परिवार तथा अन्य को रिश्वत प्राप्त होने के बारे में सबूत जुटाए जा रहे हैं। समझा जाता है कि यह रिश्वत औद्योगिक घरानों ने उनके खिलाफ कर्ज नहीं लौटाने के बावजूद वसूली प्रक्रिया शुरू नहीं करने के एवज में दी है।
सूत्रों ने बताया कि Yes Bank के सीईओ रवनीत गिल से सोमवार को उनके मुंबई स्थित कार्यालय में ईडी ने पूछताछ की है। उन्होंने बताया कि जांचकर्ताओं का ध्यान अब यह पता लगाने पर है कि कपूर की ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका में जो संपत्तियां हैं क्या यह संपत्ति कपूर और उसके परिवार ने मनीलांड्रिंग के जरिए प्राप्त आपराधिक कमाई से हासिल की है।
कपूर परिवार की एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियां, कपूर परिवार का 2000 करोड़ रुपए का निवेश और 4500 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन जांच एजेंसी की जांच के घेरे में है। एजेंसी को जांच-पड़ताल के दौरान कपूर के पास 44 कीमती कलाकृतियां भी मिली हैं जिनमें से एक को कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से खरीदा गया। कांग्रेस पार्टी ने इस खरीद-फरोख्त को पारदर्शी बताया है।
पार्टी ने कहा है कि वाड्रा को कलाकृति के लिए 2 करोड़ रुपए का भुगतान चेक से प्राप्त हुआ है जिसे आयकर रिटर्न में भी दिखाया गया है। बहरहाल ईडी इस बात का पता लगा रहा है कि यह कलाकृति वाड्रा के नाम पर थी अथवा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नाम पर थी। यह चित्र पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का है जिसे चित्रकार एमएफ हुसैन ने तैयार किया और प्रियंका गांधी को एआईसीसी के शताब्दी समारोह 1985 में उपहार में भेंट किया गया।