नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने एक अहम फैसले में आर्थिक फ्रॉड करने वाले बड़े अपराधियों पर नकेल कसने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया। इसमें भारत में इकोनॉमिक फ्रॉड कर विदेश भागने वाले अपराधियों की संपत्ति को ज़ब्त करने समेत कई सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं।
इस कानून के जरिये भारत से बाहर की संपत्तियों को संबंधित देश के सहयोग से जब्त किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह जानकारी दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इस बिल को आने वाले बजट सत्र में पेश किया जाएगा।
इस बिल में अपराध करके विदेश भागने वालों को अदालत में दोषी ठहराए बिना भी उनकी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कई आर्थिक अपराधियों के देश से बाहर खिसक जाने के बीच यह कमद उठाया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी गई। विधेयक को बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जा सकता है। मध्यावकाश के बाद संसद का सत्र 5 मार्च से शुरू होने वाला है।
इस विधेयक में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो कि उन आर्थिक अपराधियों पर लागू होंगे जो विदेश भाग गए और भारत लौटने से इनकार करते हैं। यह प्रावधान 100 करोड़ रुपए से अधिक की बकाया राशि अथवा बैंक कर्ज की वापसी नहीं करने वालों, जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले कर्जदारों और जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है उन पर लागू होगा।
विधेयक में यह भी प्रावधान है कि ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधी की संपत्ति को उसके दोषी ठहराये जाने से पहले ही जब्त किया जा सकेगा और उसे बेचकर कर्ज देने वाले बैंक का कर्ज चुकाया जायेगा। सूत्रों ने कहा कि इस तरह के आर्थिक अपराधियों के मामले की सुनवाई मनी लांड्रिंग कानून के तहत होगी। (भाषा)